भोपाल। आकस्मिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों में त्वरित सहायता प्रदान करने और अनमोल जीवन बचाने के उद्देश्य से, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भोपाल ने अपना अभिनव मोबाइल ऐप कोड इमरजेंसी लॉन्च किया है। यह ऐप अब प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और इसका लक्ष्य हर व्यक्ति को आपातकालीन स्थितियों में हेल्थ एक्सपर्ट बनाना है।
अक्सर हम देखते हैं कि लोग अचानक गश खाकर गिर पड़ते हैं और समय पर चिकित्सीय सहायता न मिलने के कारण दम तोड़ देते हैं। इसका मुख्य कारण अक्सर सडन कार्डियक अरेस्ट बताया जाता है। ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोका जा सकता है, यदि आसपास मौजूद कोई व्यक्ति पीडि़त को तुरंत सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) दे दे। कोड इमरजेंसी ऐप इसी तरह की स्थितियों में लोगों को तुरंत और सही मार्गदर्शन देगा।
एम्स भोपाल के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने ऐप की लॉन्चिंग के दौरान बताया कि यह ऐप आपात स्थिति में हर व्यक्ति को हेल्थ एक्सपर्ट का रोल निभाने में मदद करेगा। उन्होंने ऐप की सबसे बड़ी खूबी बताते हुए कहा कि इसे एक बार प्ले स्टोर से डाउनलोड करने के बाद चलाने के लिए इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता नहीं होती है। यह सुविधा मेट्रो सिटी से लेकर दूरदराज के क्षेत्रों तक के व्यक्तियों को बिना किसी समस्या के जरूरत होने पर ऐप का उपयोग करने में सक्षम बनाएगी।
डॉ. सिंह ने बताया कि कोड इमरजेंसी ऐप, एम्स भोपाल की वन स्टेट, वन हेल्थ, वन इमरजेंसी पॉलिसी पर आधारित है। इस ऐप की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे न केवल हेल्थ वक्र्स के लिए, बल्कि आम नागरिकों के उपयोग के लिए भी डिजाइन किया गया है। उन्होंने डॉ. शेहताज खान, डॉ. श्रुति दुबे और डॉ. भूपेश्वरी पटेल की टीम की सराहना की जिन्होंने इस महत्वपूर्ण ऐप के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बिना इंटरनेट काम करेगा भोपाल एम्स का कोड इमरजेंसी ऐप
