एक तरफ नोबेल की मांग, दूसरी तरफ अमेरिका में हाहाकार – ट्रंप पर इज़राइल का प्रेम क्यों?

 अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच मुलाकात की बात. व्हाइट हाउस में इन दोनों नेताओं की मुलाकात हुई, जिसका लक्ष्य गाजा में 60 दिन का सीजफायर और बंधक रिहाई था. इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि इस हफ्ते गाजा में सीजफायर पर कोई फैसला आ सकता है. दोनों नेताओं की मुलाकात ईरान-इजरायल युद्ध में सीजफायर की घोषणा के दो हफ्ते बाद हो रही है. इस युद्ध में ट्रंप ने मध्यस्थता करते हुए 12 दिनों तक चला युद्ध रुकवाया था.
अब नेतन्याहू ने डोनाल्ड ट्रंप को नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है. उन्होंने व्हाइट हाउस में बैठक के दौरान ट्रंप को वो नामांकन पत्र सौंपा, जो उन्होंने पुरस्कार कमेटी को भेजा है. उन्होंने मिडिल ईस्ट में ट्रंप के नेतृत्व और नीतियों की तारीफ की और कहा कि आप इसके हकदार हैं, ये आपको मिलना चाहिए.
उधर अमेरिका के ही टेक्सस में फ्लैशफ्लड ने जो तांडव मचाया, उसके निशान अब तक मिल रहे हैं. भारी बारिश के बाद आई बाढ़ की वजह से 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है और बहुत से लोग अब भी लापता हैं. अब तक प्रशासन लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है. बाढ़ के शिकार हुए लोगों में इलाके में कैंप करने गई बच्चियां शामिल हैं. इसी बीच अटकलें ये भी लगाई जा रही हैं कि प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर सकते हैं.
ब्रिक्स नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ब्रिक्स के एंटी-अमेरिकन होने के दावे को सिरे से नकार दिया. ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लुला दा सिल्वा ने कहा- दुनिया को एक सम्राट की जरूरत नहीं है. ये जवाब ट्रम्प के उस सोशल मीडिया पोस्ट पर दिया गया है, जो उन्होंने रविवार रात Truth Social पर लिखा था. ट्रंप ने कहा था कि उन देशों पर, 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा, जो ब्रिक्स की एंटी-अमेरिकी नीतियों का समर्थन करेंगे. ब्राजील के राष्ट्रपति के अलावा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और चीन के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता माओ निंग ने भी माना कि अमेरिका को दबाव की नीति का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. हालांकि भारत ने इस पर तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी है.