मानसून सीजन आते ही सब्जियों के दाम में वृद्धि हुई है। लोगों के घर का बजट बिगड़ गया है। टमाटर ४0 से 50 रुपए किलो तक पहुंच गया है। बारिश के सीजन में मिलने वाला मशरूम एक हजार रुपए किलो में बिक्री हो रही है। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि लोकल आवक कम होने से सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। ज्यादातर सब्जियां बाहर से आ रही हैं। बरबट्टी और लौकी के दाम भी 80 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं।
मुनगा 100, खेक्सी 300, गोभी 60, कोचई 60 रुपए, गाजर 60 रुपए, कटहल 60 रुपए, पत्ता गोभी 30 रुपए किलो में मिल रहे हैं। बारिश के सीजन आते ही मक्का भी बाजार में आ गया है। स्वीट कार्न की डिमांड ज्यादा है। एक स्वीट कार्न 20 रुपए में बाजार में मिल रहा है। कई जगह 50 रुपए में तीन स्वीट कार्न मिल रहे हैं। सामान्य भुट्टे प्रति नग 10 रुपए तक मिल रहे हैं। वहीं आम जो 100 रुपए किलो में मिल रहा था, वह 150 रुपए किलो तक पहुंच गया है।
बरसात के सीजन में ज्यादातर लोग भाजी खाते नहीं हैं। इसका असर सब्जियों पर पड़ता है। इसकी डिमांड बढ़ जाती है। सब्जी व्यापारी संघ के संतोष चंद्राकर ने बताया कि आने वाले दिनाें में सब्जियों की कीमतें बढ़ सकती हैं। लोकल आवक कम हुई है। इस सीजन में लोग भाजी ज्यादा नहीं खाते हैं। इस कारण अन्य सब्जियों की मांग बढ़ जाती है। अभी से कुछ सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। जुलाई व अगस्त माह में सब्जियों के दाम में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहेगा। इस सीजन में ज्यादातर लोकल किसान धान या अन्य फसल लेते हैं। जिसके कारण सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी हो जाती है।
फलों के दाम भी बढ़ गए हैं। सेब 240 से 280 रुपए किलो में बिक रहा है। अनार भी 160 से 180 रुपए किलो में मिल रहा है। एक पाइन एप्पल 70 से 80 रुपए में मिल रहा है। एक नारियल पानी की कीमत भी 60 से 70 रुपए हो गई है। नारियल पानी पीने के बाद लोग अपने आप को ठगा सा महसूस करने लगे हैं। क्योंकि, कई नारियल में कम पानी होता है। एक-दो महीने तक फल व सब्जियों की कीमत ज्यादा रहेगी।