बीजिंग. चीन ने सोमवार को कहा कि ब्रिक्स टकराव के लिए नहीं है और यह किसी अन्य देश को निशाना नहीं बनाता है. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स समूह की कथित रूप से अमेरिकी विरोधी नीतियों के कारण इससे जुड़े देशों पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी दी थी. इस पर चीन ने सतर्क प्रतिक्रिया दी है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ब्रिक्स उभरते बाजारों और विकासशील देशों के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है. माओ ने कहा कि ब्रिक्स खुलेपन, समावेशन और सभी के फायदे के लिए सहयोग की वकालत करता है.
ब्रिक्स की स्थापना ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका द्वारा की गई थी, लेकिन इस समूह का पिछले वर्ष विस्तार हुआ और इसमें इंडोनेशिया, ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया. नए सदस्य देशों के अलावा, इस समूह में 10 रणनीतिक साझेदार देश भी शामिल हैं. यह श्रेणी पिछले वर्ष के शिखर सम्मेलन में बनाई गई थी, जिसमें बेलारूस, क्यूबा और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं.
डोनाल्ड ट्रंप की ब्रिक्स देशों को धमकी
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स समूह की ‘अमेरिका विरोधी नीतियों’ का साथ देने वाले देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की धमकी दी है. ब्रिक्स समूह के ट्रंप का नाम लिए बिना शुल्क वृद्धि की निंदा करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह धमकी दी है. ब्रिक्स समूह में शामिल देशों के नेता छह-सात जुलाई को 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील में मिल रहे हैं.