कैसे लहलहाएगी फसल, खाद की किल्लत से अन्नदाता परेशान…माफिया के चंगूल में खेती-किसानी

भोपाल। मप्र में शासन-प्रशासन के लाख दावों के बाद भी खाद की किल्लत दूर नहीं हो रही है। खाद के लिए किसानों को लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं। खाद के लिए महिलाएं भी लाइन में खड़ी होती हैं। यूरिया, डीएपी खाद की भारी कमी से प्रदेश के किसान जूझ रहा है। वहीं, प्रशासन बार-बार दावे कर रहा है कि खाद की कोई कमी नहीं है। वहीं सोसाइटी में खाद के लिए किसान सुबह से ही लाइन में लग जाते हैं। इसके अलावा खाद न मिलने की दशा में देर रात तक लाइन पर लगे रहते हैं। किसानों के लिए सरकारी खाद का अकाल हैं, लेकिन कालाबाजारी बढ़ी हुई कीमतों पर खाद बेचकर मालामाल हो रहे हैं।
प्रदेश में जहां किसान खाद को लेकर खाद वितरण केन्द्रों पर लंबी कतार लगा रहे हैं और घंटों परेशान हो रहे हैं वहीं कई दुकानदार खाद की कालाबाजारी करने में लगे हैं। प्रदेश का कोई भी ऐसा जिला नहीं है, जहां के किसान खाद के लिए परेशान न हो रहे हों। किसानों ने जैसे-तैसे खरीफ फसलों की बुवाई तो कर दी है, लेकिन अब उनकी बढ़ोतरी के लिए यूरिया खाद नहीं मिल रहा है।

50 से 70 किलोमीटर दूर से आ रहे खाद लेने
बड़वानी जिला मुख्यालय से 7 किमी दूर तलून के नकदी खाद केंद्र में मंगलवार को सैकड़ों किसान भडक़ गए। उनका कहना था कि हम 4-5 दिन से लाइन में लगे हैं, लेकिन कुछ महिलाएं अभी कुछ देर पहले आईं। उन्हें खाद दे दी गई। स्थिति को कंट्रोल करने के लिए तहसीलदार ने नायब तहसीलदार सोनू गोयल को मौके पर भेजा। उन्होंने खाद के सुचारु वितरण के निर्देश दिए। किसान संदीप जाट के अनुसार, इस केंद्र पर पाटी, सिलावद और महाराष्ट्र सीमा से लगे तोरणमाल तक के किसान खाद लेने आ रहे हैं। प्रशासन पर्याप्त खाद की उपलब्धता का दावा कर रहा है, लेकिन वास्तव में किसानों को कई दिनों तक प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। किसान घरेलू कामकाज छोडक़र 50 से 70 किलोमीटर की दूरी तय कर खाद लेने आ रहे हैं। सुस्तीखेड़ा के मेहता सिंह शुक्रवार से केंद्र में खड़े हैं। शनिवार-रविवार को अवकाश था। सोमवार को भी उन्हें खाद नहीं मिली। पिछोड़ी के किसान शोभाराम सोमवार सुबह से लाइन में खड़े हैं, लेकिन अभी तक खाद का वितरण नहीं हुआ।

 

लाडकुई में चक्का जाम
सीहोर जिले में यूरिया खाद की कमी को लेकर किसानों में नाराजगी है। मंगलवार को भैरूंदा तहसील के ग्राम लाडकुई में किसानों ने भैरूंदा-सीहोर रोड पर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि गांव का एक व्यापारी यूरिया की बोरी 266 की जगह 350 रुपए में बेच रहा है। गांव में यूरिया की किल्लत से परेशान किसानों ने सडक़ पर उतरकर विरोध जताया। उनका कहना था कि सरकारी दर पर खाद नहीं मिल रही और निजी दुकानदार मनमाने दाम वसूल रहे हैं। कई किसानों को खाद के लिए रोजाना लाइन लगानी पड़ रही है। कृषि विभाग के उप संचालक अशोक कुमार उपाध्याय ने बताया कि जिले की 108 सेवा सहकारी समितियों को आरओ और डीडी के माध्यम से खाद का वितरण किया जा रहा है। भैरूंदा भंडारण केंद्र पर जरूरत के अनुसार उर्वरक की आपूर्ति की जाएगी।

शिकायत करने पर सिर्फ आश्वासन
बुरहानपुर में मंगलवार को जन सुनवाई में किसानों ने खाद की कमी की समस्या उठाई। मराठा सेवा संघ कृषि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश चौधरी ने बताया कि जिले में किसानों ने फसलों की बुवाई कर दी है। पिछले 25 दिनों से सहकारी समितियों में खाद उपलब्ध नहीं है। निजी दुकानों पर भी खाद नहीं मिल रही है। किसानों ने केला फसल के बीमा का मुद्दा भी उठाया। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित केला फसल का मुआवजा अभी तक नहीं मिला है। हसीनाबाद के किसान धांडु राठौर ने बताया कि उन्हें 2022 से पीएम और सीएम किसान निधि का लाभ नहीं मिला है। तहसील में शिकायत करने पर सिर्फ आश्वासन मिलता है। जन सुनवाई में कुछ लोगों ने अवैध कॉलोनाइजरों पर कार्रवाई और बिजली बिल ज्यादा आने की शिकायतें भी की। कलेक्टर हर्ष सिंह ने सभी समस्याओं को संबंधित विभागों को भेजा। कुछ समस्याओं का मौके पर ही निराकरण किया गया। इस दौरान एडीएम वीर सिंह चौहान, जिला पंचायत सीईओ लता शरणागत और अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

बारिश में यूरिया लेने लाइन में खड़े रहे किसान
हरदा में मक्का की बढ़ती खेती के कारण किसानों को यूरिया की जरूरत है। मंगलवार सुबह 4 बजे से किसान जिला मुख्यालय के डीएमओ और एमपी एग्रो के गोदाम पर पहुंचे। बारिश में भी छाता और बरसाती लगाकर लाइन में खड़े रहे। रविवार को यूरिया की रैक आई थी। सोमवार को पोर्टल की समस्या के कारण खाद का वितरण नहीं हो पाया। मंगलवार को सुबह 11 बजे तक न तो गोदाम खुला और न ही अधिकारी मौके पर पहुंचे। गोदाम पर किसानों के लिए न तो बारिश से बचने की व्यवस्था है और न ही बैरिकेड्स लगाए गए हैं। तीन पुलिस कर्मी किसानों को लाइन में व्यवस्थित करने का प्रयास कर रहे हैं। जब इस अव्यवस्था के बारे में नायब तहसीलदार बीडी तमखाने से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बारिश का मौसम है, पानी तो आएगा। किसान शेड में खड़े हैं।

जरूरत के अनुसार खाद उपलब्ध कराई जाए
किसानों का कहना है कि मक्का की बुवाई करना जैसे गलती हो गई है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जरूरत के अनुसार खाद उपलब्ध कराई जाए। जिले में 1500 मीट्रिक टन यूरिया आया है, जो मांग से काफी कम है। जिम्मेदार अधिकारी बंद कमरों में बैठे हैं, लेकिन किसानों की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।

खंडवा में खाद के लिए किसानों की लाइनें
खंडवा जिले में किसानों ने खरीफ की फसल के लिए बोवनी कर ली है। कई जगहों पर बोवनी हो रही है। अब किसान खाद के लिए भटक रहे हैं। खंडवा जिले के खाद वितरण केंद्र पर किसानों की लाइनें लग रही हैं। सुबह से लेकर देर शाम तक इंतजार करने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रहा है। हालत ये है कि कई जगहों पर किसान रात में लाइन में अपनी बारी लगाने के लिए थैला या अन्य वस्तु रख देते हैं और वहीं सो जाते हैं। तडक़े से किसानों की लाइनें लग जाती हैं। किसानों ने अधिकारियों पर अनावश्यक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि खरीफ फसल की बुआई में तेजी आने के बाद डीएपी और यूरिया की मांग बढ़ गई है, लेकिन जिला सहकारी विपणन संघ कार्यालय पर खाद नहीं मिल रहा है। सुबह से लेकर देर शाम तक किसानों की भीड़ लग रही है। खंडवा के खाद वितरण केंद्र पर केवल दो काउंटर होने से किसानों को अपनी बारी का घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।