लॉर्ड्स में इतिहास रच सकता है गिल—क्या 93 साल बाद टीम इंडिया खोलेगी टेस्ट जीत का सिलसिला?

भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा टेस्ट लॉर्ड्स में गुरुवार से खेला जाएगा। इस टेस्ट की तैयारी को लेकर भारतीय टीम जमकर पसीना बहा रही है। भारत की प्लेइंग-11 में एक बदलाव तय माना जा रहा है। जसप्रीत बुमराह की वापसी होना तय है। वहीं, इस टेस्ट में शुभमन गिल और ऋषभ पंत जैसे बल्लेबाजों से भी काफी उम्मीदें होंगी। लॉर्ड्स में भारतीय टीम का पिछले कुछ दौरों पर रिकॉर्ड शानदार रहा है। 2021 में विराट कोहली की अगुआई में टीम इंडिया ने यहां ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। अब उनके उत्तराधिकारी शुभमन गिल की कप्तानी में भी फैंस जीत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। हालांकि, अब तक टीम इंडिया ने लॉर्ड्स के मैदान पर सिर्फ तीन टेस्ट ही जीते हैं। इन तीनों टेस्ट में अलग-अलग कप्तान रहे और अलग-अलग खिलाड़ियों को प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड भी मिला। आइए इस मैदान पर भारत के रिकॉर्ड के बारे में जानते हैं…

भारत का लॉर्ड्स में रिकॉर्ड

भारत ने लॉर्ड्स के मैदान पर सबसे पहला टेस्ट 1932 में खेला था। अब तक 93 साल में टीम इंडिया ने इस मैदान पर कुल 19 टेस्ट खेले हैं और सिर्फ तीन जीते हैं। 12 मुकाबलों में भारतीय टीम को हार मिली है और चार टेस्ट ड्रॉ रहे हैं। भारत ने यहां कपिल देव की कप्तानी में 1986 में पांच विकेट से जीत हासिल की थी, जबकि 2014 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने लॉर्ड्स में 95 रन से मैच जीता था। साल 2021 में भारत ने यहां विराट कोहली की कप्तानी में 151 रन से जीत हासिल की थी। अब शुभमन गिल के पास लॉर्ड्स में जीत हासिल करने वाले चौथे भारतीय कप्तान बनने का मौका है। गिल की टीम के पास वह पूरा दमखम है, जिससे वह जीत हासिल कर सकते हैं। हाल ही में उनकी टीम ने एजबेस्टन में इतिहास रचा था। भारतीय टीम एजबेस्टन में टेस्ट जीतने वाली पहली एशियाई टीम बनी थी और गिल पहले एशियाई कप्तान बने थे। अब वह लॉर्ड्स में भी कमाल कर सकते हैं।

क्या गिल बनेंगे चौथे कप्तान?

साल जीत का अंतर कप्तान प्लेयर ऑफ द मैच
1986 5 विकेट कपिल देव कपिल देव
2014 95 रन एमएस धोनी ईशांत शर्मा
2021 151 रन विराट कोहली केएल राहुल

मौजूदा सीरीज में किसकी फील्डिंग रही ज्यादा बेहतर

2025 तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी
भारत देश इंग्लैंड
21 लिए गए कैच 23
13 छोड़े गए कैच 8
61.80% कैचिंग प्रतिशत 74.20%

कौन रहे प्लेयर ऑफ द मैच?

1986 में जब भारतीय टीम ने जीत दर्ज की थी तो प्लेयर ऑफ द मैच कप्तान कपिल देव ही रहे थे। वहीं, 2014 में तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा को प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड दिया गया था। 2021 में केएल राहुल प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे। राहुल मौजूदा टीम का हिस्सा हैं और वह अपने पिछले अनुभव का इस्तेमाल यहां कर सकते हैं। राहुल ने 2021 में यहां पहली पारी में 129 रन बनाए थे। इसके अलावा सिराज से भी इस मैदान पर काफी उम्मीदें होंगी। उन्होंने 2021 में यहां खेलते हुए दोनों पारियों को मिलाकर आठ विकेट झटके थे। पहली और दूसरी, दोनों पारियों में उन्होंने चार-चार विकेट लिए थे। बुमराह को तब यहां पहली पारी में कोई विकेट नहीं मिला था, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने तीन विकेट झटके थे। 

तीनों मैच कैसे जीते थे?

2021 में भारत ने इंग्लैंड के सामने चौथी पारी में 272 रन का लक्ष्य रखा था और जवाब में इंग्लिश टीम 120 रन पर ऑलआउट हो गई थी। वहीं, 2014 में धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 319 रन का लक्ष्य दिया था। जवाब में इंग्लिश टीम 223 रन पर सिमट गई थी। 1986 में इंग्लैंड ने भारत के सामने 134 रन का लक्ष्य रखा था। जवाब में कपिल की अगुआई वाली भारतीय टीम ने पांच विकेट गंवाकर लक्ष्य हासिल कर लिया था। अब गिल के पास इस ऐतिहासिक लिस्ट में शामिल होने का मौका है।