भोपाल। राजधानी भोपाल के हबीबगंज थाना क्षेत्र से इस साल 2 फरवरी को घर से नाराज होकर निकली नाबालिग लड़की मानव तस्करी गिरोह के चंगुल में फंस गई थी। मानव तस्करी करने वाले गिरोह ने नाबालिग बच्ची को 2.75 लाख रुपये में राजस्थान के सीकर जिले में एक व्यक्ति को बेच दिया था। नाबालिग को खरीदने वाला व्यक्ति शादी के नाम पर बच्ची को बंधक बनाकर उसका शारीरिक शोषण करता था। गत दिनों पीड़िता ने परिजनों को फोन कर मदद मांगते हुए अपना पता बताया था। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी और हबीबगंज पुलिस ने परिजनों के साथ सीकर पहुंचकर पीड़ित नाबालिग लड़की को बरामद कर एक महिला और एक पुरुष को गिरफ्तार कर लिया। चार से अधिक आरोपी फिलहाल फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
डीसीपी जोन-1 शशांक ने बताया कि हबीबगंज थाना क्षेत्र स्थित एक मल्टी में रहने वाली नाबालिग लड़की कोचिंग नहीं गई तो उसे मां ने डांट दिया। मां की डांट से नाराज होकर नाबालिग इस साल दो फरवरी को कोचिंग के लिए घर से निकली और घर नहीं लौटी। मां ने 6 फरवरी को थाने में अज्ञात के खिलाफ अपहरण का प्रकरण दर्ज कराया था। डीसीपी ने बताया कि पीड़िता ने गत दिनों परिजनों से संपर्ककर अपने संबंध में जानकारी दी थी। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसे बरामद कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
सहेली अंकिता के साथ राजस्थान के झालावाड़ गई थी
डीसीपी ने बताया कि नाबालिग के कोर्ट में बयान दर्ज कराए गए हैं, जिसमें उसने बताया है कि वह अपनी सहेली अंकिता के पास राजस्थान के झालावाड़ गई थी। भोपाल से अंकिता को सूचना दी गई कि नाबालिग का अपहरण करने वाले को पुलिस तलाश कर रही है। अंकिता पीड़िता की मल्टी के पास 12 नंबर के करीब ही रहती है। अंकिता ने अपनी ननद दुर्गा कसवे को फोन कर अपहृत नाबालिग के अपने पास होने की जानकारी दी। इसके बाद उसने ननद से नाबालिग को पुलिस के हवाले करने को कहा।
दुर्गा कसवे ने पुलिस के बजाय तस्कर गिरोह को बेच दिया
डीसीपी ने बताया कि दुर्गा कसवे ने नाबालिग को पुलिस को सौंपने की बजाय अपनी परिचित कुसुम विश्वकर्मा को सौंप दिया। कुसुम ने पीड़िता को बजरिया थाना क्षेत्र स्थित अपने घर में अप्रैल से जून पहले सप्ताह तक रखा। 9 जून को कुसुम ने अपनी दोस्त रोशनी और राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर निवासी नरेंद्र कुमार को बेच दिया। लड़की बेचने का सौदा 2.75 लाख में हुआ और नरेंद्र को लड़की गुना जिले के आरोन में सौंपी गई। कुसुम और लड़का पक्ष नरेंद्र के बीच सुनील नाम का युवक मध्यस्थता कर रहा था। लड़की को बेचे जाने के दौरान वह भी आरोन में मौजूद था। इसके बाद नरेंद्र नाबालिग को एक कागज बनाकर अपनी पत्नी बताने लगा।
ये आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने मानव तस्करी गिरोह की कुसुम विश्वकर्मा पति उमाशंकर विश्वकर्मा (47) विंध्याचल वैली व मालती अपार्टमेंट राजेंद्र नगर स्टेशन बजरिया और लड़की को पत्नी बताते हुए बंधक बनाकर दरिंदगी करने वाले नरेंद्र कुमार डारा उर्फ मोदी पिता रामलाल डारा (25) को गिरफ्तार कर लिया है। कुसुम विश्वकर्मा के खिलाफ बजरिया, छोला, कमला नगर, जहांगीराबाद और हबीबगंज में पहले से विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज हैं। पुलिस नरेंद्र का क्राइम रिकॉर्ड राजस्थान पुलिस से मांगा है। मानव तस्करी के इस गिरोह में आरोपी बनाए गए दुर्गा, रोशनी, प्रदीप जैन, सुनील व अन्य की तलाश की जा रही है।