रायपुर। छत्तीसगढ़ के जंगलों में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह बड़ी खुशखबरी है कि मध्य प्रदेश से 6 बाघों को जल्द ही छत्तीसगढ़ लाया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने मंजूरी दे दी है।
एमपी से छत्तीसगढ़ आएंगे 6 बाघ
अगले 2 से 3 महीनों में शिफ्टिंग की पूरी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद राज्य में बाघों की कुल संख्या 41 हो जाएगी। योजना के तहत कान्हा नेशनल पार्क से 1 नर और 2 मादा बाघों को उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से 3 मादा बाघों को गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जाएगा।
वर्तमान स्थिति
फिलहाल छत्तीसगढ़ में कुल 35 बाघ हैं – अचानकमार टाइगर रिजर्व : 18 , इंद्रावती टाइगर रिजर्व : 6, भोरमदेव अभयारण्य : 3, गुरु घासीदास-तमोर पिंगला रिजर्व : 7, उदंती-सीतानदी रिजर्व : 1, साल 2021–22 की तुलना में राज्य में बाघों की संख्या 17 से बढ़कर 35 हो चुकी है।
मेल-फीमेल पॉपुलेशन बैलेंस करने की योजना
तमोर पिंगला और उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बेहद कम है और नर-मादा का अनुपात भी असंतुलित है। शिफ्टिंग के बाद मेल-फीमेल पॉपुलेशन संतुलित होगा, जिससे बाघों की संख्या प्राकृतिक रूप से बढ़ेगी।
सुरक्षित ट्रांसलोकेशन की तैयारी
बाघों को शिफ्टिंग के दौरान विशेष वाहन, चिकित्सकीय निगरानी और उपयुक्त तापमान व्यवस्था के साथ लाया जाएगा। वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ अरुण पांडेय ने बताया कि यह ट्रांसलोकेशन राज्य की वन्यजीव संरक्षण नीति के लिए ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
छत्तीसगढ़ को मिलेगी नई पहचान
विशेषज्ञों का मानना है कि बाघों की संख्या बढ़ने से न केवल जंगलों की पारिस्थितिकी मजबूत होगी, बल्कि राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान भी मिलेगी। जैसे मध्य प्रदेश को "टाइगर स्टेट" कहा जाता है, वैसे ही भविष्य में छत्तीसगढ़ को भी "टाइगर स्टेट" की श्रेणी में शामिल किया जा सकेगा।