भोपाल : मध्यप्रदेश में मोहन सरकार अब नौजवानों को पांच हजार रुपए का इंसेंटिव देगी. जबकि उधोग से जुड़ी लाड़ली बहनों को 6 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिए जाएंगे. ये खासतौर पर उन नौजवानों को दिया जाएगा, जो प्रदेश में रोजगार परक उद्योगों में काम करेंगे. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, '' मध्यप्रदेश में हमारा प्रयास है कि हर युवा को काम मिलना चाहिए.'' मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अचारपुरा में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये एलान किया.
न नौजवानों को मिलेगी पांच हजार का इंसेटिव
मध्यप्रदेश में लाड़ली बहनों के बाद अब नौजवानों पर सरकार का फोकस है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज घोषणा की कि मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के नौजवानों को पूरी तरह से प्रोत्साहित करेगी. इसके लिए जो नौजवान रोजगार परक उद्योगों में काम कर रहे हैं, उन्हें राज्य शासन पांच हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि देगा. सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा, '' प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने का कार्य प्राथमिकता में रखती है. राज्य शासन का ये प्रयास है कि हर युवा को काम मिलना चाहिए.''
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हमारे उद्योग मंदिर की तरह : सीएम
सीएम डॉ. मोहन यादव ने आगे कहा, '' हमारे उद्योग कारखाने एक तरह के मंदिर हैं. यह मंदिर का स्वरूप हैं, जो लोगों के कष्ट मिटाते हैं. मध्य प्रदेश में उद्योगों का जाल लगातार फैलाया जा रहा है. मध्य प्रदेश के युवाओं को पलायन की जरूरत नहीं है. हमारा राज्य समृद्ध होगा और यहीं नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर होंगे.''
लाड़ली बहनों को दिए जाएंगे 6 हजार
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा, '' लाड़ली बहनों को भी उद्योगों में कार्य करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. युवाओं के मुकाबले ये राशि ज्यादा होगी. बहनों को 6 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. यह एक तरह का स्थाई प्रबंध होगा.'' इसमें बताया गया कि आगे चलकर घर बैठे लाड़ली बहनों को तीन हजार रुपए मासिक तक प्राप्त होंगे जो परिवार के संचालन के लिए मददगार होंगे. इसी तरह जो बहनें घर से बाहर आकर उद्योगों में कार्य करती हैं, उन्हें भी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी.
कमलनाथ सरकार में चार हजार का स्टाइपेंड
कमलनाथ सरकार ने भी घोषणा पत्र के मुताबिक बेरोजगार युवाओं के लिए युवा स्वाभिमान रोजगार योजना लॉन्च की थी. इस योजना में उम्र का क्राइटेरिया 21 से 30 वर्ष का ही था. इसमें नियम ये था कि 100 दिन का काम करने पर चार हजार रुपए की राशि दी जाएगी. इसके अलावा एक ऐसे रोजगार का भी वादा था, जिससे स्किल डेव्लप कर नौजवान आगे बढ़ सकें.
मध्यप्रदेश में फिलहाल युवा आबादी डेढ़ करोड़ से ज्यादा है. इनमें 20 वर्ष से 30 वर्ष तक के युवाओं की आबादी करीब एक करोड़ 53 लाख से ज्यादा है. माना जा रहा है कि अगले चौबीस वर्ष में ये आंकड़ा एक करोड़ 49 लाख 93 हजार तक पहुंचेगा. यानि कुछ कमी आएगी.