भदोही: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान पर शुरू हुई ‘पीडीए पाठशाला’ अब यूपी की राजनीति का बड़ा मुद्दा बन गई है। भदोही जिले में समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रत्याशी अंजनी सरोज इसी अभियान में जिले में सबसे आगे निकलने की कोशिश में विवादों में घिर गईं।
आरोप है कि अंजनी सरोज ने औराई ब्लॉक के सिकंदरा प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को टॉफी, चॉकलेट, बिस्कुट, कॉपी-पेन का लालच दिया और उन्हें सपा के बैनर-पोस्टर के सामने पार्टी के पक्ष में नारे लगवाए। बच्चों को ‘समाजवादी पार्टी आएगी विद्यालय खुलवाएगी’, ‘अंजनी सरोज जिंदाबाद’ जैसे नारों के पोस्टर पकड़ा कर फोटो और वीडियो बनवाए गए, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इसके बाद जिलेभर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई और प्रशासन को दखल देना पड़ा। जिलाधिकारी शैलेश कुमार ने स्पष्ट किया कि बच्चों के राजनीतिक इस्तेमाल और पार्टी प्रचार में शामिल करना गंभीर अपराध है। मामले की पड़ताल के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक की शिकायत पर चौरी थाने में अंजनी सरोज समेत दर्जन भर समर्थकों पर FIR दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भी विभागीय जांच शुरू कर दी गई है, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
अंजनी सरोज का आरोप
अंजनी सरोज ने दावा किया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई भाजपा के दबाव में हुई है और वह गरीब बच्चों की आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेंगी। अंजनी ने इसे साजिश करार देते हुए कहा कि 2022 के चुनाव में उन्होंने बहुत कम अंतर से हार का सामना किया था, इसलिए सत्तारूढ़ दल उन्हें आगे बढ़ने से रोकना चाहता है। सपा के अन्य नेता भी प्रशासन की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं और उन्होने यह मुद्दा तेजी से उठाया है।
पीडीए का पाठशाला
बता दें कि प्रदेश में स्कूलों के मर्जर और बंदी के विरोध में समाजवादी पार्टी जगह-जगह 'पीडीए पाठशाला' चला रही है, जिसमें बच्चों को ‘ए फॉर अखिलेश, डी फॉर डिंपल, एम फॉर मुलायम’ जैसी शब्दावली पढ़ाई जा रही है, जिसे लेकर भाजपा और प्रशासन लगातार आलोचना कर रहे हैं। प्रशासन का साफ कहना है कि बच्चों का राजनीतिक इस्तेमाल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी