रायपुर : जिला अस्पताल सुकमा में मोतियाबिंद से पीड़ित मरीजों के लिए जिला प्रशासन द्वारा लगातार विशेष पहल की जा रही है। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन में सुकमा जिले के अंदरूनी, पहाड़ी और पहुंचविहीन क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को जिला अस्पताल में लाकर निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन की सुविधा प्रदान की जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर. के. सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. गीतु हरित और अंधत्व नोडल अधिकारी डॉ. प्रवीण टेली के सहयोग से मरीजों को घर से अस्पताल लाने और ऑपरेशन के बाद उन्हें दोबारा सुरक्षित घर पहुंचाने की व्यवस्था भी जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की गई है। अस्पताल में मरीजों सहित उनके अटेंडर और मितानिनों के लिए ठहरने और भोजन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
अप्रैल 2025 से अक्टूबर 2025 के बीच उपलब्धि
अप्रैल 2025 से अक्टूबर 2025 के बीच जिला अस्पताल सुकमा में दोनों आँखों के 93 मरीजों तथा एक आँख के 129 मरीजों का सफल मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया है। इससे सैकड़ों लोगों को दृष्टि सुधार का लाभ मिला है।
शासन के निर्देशानुसार स्कूलों में भी नेत्र परीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। अब तक कुल 439 छात्र-छात्राओं में दृष्टि दोष पाया गया है, जिन्हें शीघ्र ही निःशुल्क चश्मे उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा 40 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में दृष्टि दोष की पहचान कर 197 लोगों को निःशुल्क प्रेसबायोपिक चश्मे प्रदान किए गए हैं।
नियद नेल्ला नार क्षेत्र में बड़ा नेत्र सुरक्षा अभियान
विकासखंड कोंटा के अत्यंत संवेदनशील और आंतरिक क्षेत्र में 24 सितंबर 2025 से 01 अक्टूबर 2025 तक व्यापक नेत्र सुरक्षा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान जिला सुकमा की नेत्र टीम, एमपीडब्ल्यू, सुपरवाइजर एवं स्वास्थ्य कर्मियों ने नियद नेल्ला नार के क्षेत्र सहित कोण्डासांवली, सिलगेर, जगरगुण्डा, तिम्मापुरम, सुरपनगुड़ा, कुण्डेल, बिकरमपल्ली, तारलागुड़ा, कामाराम, सिंगावरम, तुमलपाड़, पुलनपाड़, नरसापुरम, उरसंलग, गोंदपल्ली, बुर्कापाल, तोंगपल्ली, नागाराम, केरलापेंदा, कोलाईगुड़ा, पिड़मेल,टेकलगुड़ा, जुनागुड़ा, दुलेड़, एलमागुण्डा, तोकनपल्ली, गच्छनपल्ली, बुर्कालंका, मुरलीगुड़ा, किस्टाराम, पोटकपल्ली, तिगनपल्ली, सिंदुरगुड़ा, गोगुण्डा, परिया सहित कई गांवों का सर्वेक्षण किया।
सर्वेक्षण में दोनों आंखों से मोतियाबिंद से ग्रसित 492 मरीज तथा एक आंख से ग्रसित 132 मरीज पाए गए हैं। इन सभी मरीजों को शीघ्र ही जिला अस्पताल लाकर उनका ऑपरेशन कराया जाएगा।
शासन-प्रशासन का उद्देश्य है कि सुकमा के अंतिम छोर तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुंचें और कोई भी मरीज उपचार से वंचित न रहे। दूरस्थ वनांचलों में लगातार सर्वेक्षण, मरीजों की सुरक्षित परिवहन व्यवस्था, अस्पताल में रहने-खाने की सुविधा और निःशुल्क ऑपरेशन से यह अभियान जिले में नेत्र स्वास्थ्य सुरक्षा की मिसाल बन रहा है।
