जैसे-जैसे मौसम में परिवर्तन हो रहा है, अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट ने प्रभु राम के दर्शन अवधि में एक बड़ा बदलाव किया है. प्रभु राम के राग भोग में भी बड़ा बदलाव दिखने लगा है. मौसम के हिसाब से अयोध्या के बालक राम को भोग भी लगाया जाने लगा है. सुबह की ठंडक और शाम की सिहरन को देखते हुए प्रभु राम को अब गुनगुने पानी से स्नान कराया जा रहा है. भोग में मौसमी परिवर्तन के अनुसार बादाम, काजू, पिस्ता और किशमिश जैसे पौष्टिक ड्राई फूड अर्पित किए जा रहे हैं, ताकि प्रभु राम को किसी प्रकार बदलते मौसम में कोई दिक्कत न हो.
क्या-क्या खिलाया जा रहा
अयोध्या में लंबे संघर्ष के बाद प्रभु राम का भव्य मंदिर बना है. अब राम मंदिर में बालक राम 5 वर्ष के रूप में विराजमान है. ऐसे में उनकी सेवा आराधना एक बालक के रूप में पुजारी करते हैं. जब-जब मौसम बदलता है, तब-तब उनके भोग में बदलाव होता है. बदलते मौसम को देखते हुए प्रभु राम को सुबह हल्के गुनगुने पानी से स्नान कराया जा रहा है. भोग की थाली में अब तुलसी दल से सुसज्जित खीर, माखन, मिश्री के साथ पंच मेवा का भोग लगाया जा रहा है. भोग में रबड़ी पेड़ा, काजू बादाम लगाया जाता है. दूध में पिसता मिलाकर गर्म करके प्रभु राम को दिया जा रहा है. भोजन में पूड़ी, सब्जी और हलवा का भोग लगाया जा रहा है. गर्भ गृह में एसी कूलर नहीं चलाया जा रहा है. केवल दोपहर में ही पंखे का उपयोग हो रहा है. जल्द ही बालक राम ऊनी वस्त्र में दर्शन देंगे. कंबल और रजाई की भी व्यवस्था की जाएगी.
मौसम बदलते ही बदलाव
राम मंदिर के एक पुजारी ने बताया कि बदलते मौसम को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. प्रतिवर्ष मौसम के हिसाब से प्रभु राम के भोग राग में बदलाव किया जाता है. राम मंदिर ट्रस्ट के सहयोगी विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि मौसम के हिसाब से प्रभु राम के भोग राग में बदलाव किया जाता है. प्रभु राम को सुबह गुनगुने पानी से स्नान कराया जाता है. पुजारी गर्मी पहुंचाने वाले पदार्थ का भोग भी लगते हैं.
