दुर्ग पुलिस की कार्रवाई: 2013 से अब तक बरामद 2000 किलो गांजा होगा नष्ट

दुर्ग: अवैध नशे के कारोबार पर लगाम कसने के लिए दुर्ग पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। वर्ष 2013 से अब तक जिले में गांजा तस्करों के खिलाफ हुई छापेमार कार्रवाईयों में पुलिस ने लगभग 2000 किलो गांजा जप्त किया है। इसकी अनुमानित बाजार कीमत करीब तीन करोड़ रुपये बताई जा रही है।

भिलाई स्टील प्लांट में होगा नष्टिकरण
एसएसपी विजय अग्रवाल के अनुसार जप्त गांजे को सुरक्षित रखने में पुलिस को लंबे समय से परेशानी हो रही थी। अब न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद इसे जल्द ही भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) के ब्लास्ट फर्नेस में डालकर नष्ट किया जाएगा। ब्लॉस्ट फर्नेस के अत्यधिक तापमान में जलने से यह गांजा पूरी तरह खाक हो जाएगा और पर्यावरण को भी कोई हानि नहीं होगी। इस प्रक्रिया में पुलिस, न्यायिक अधिकारी और भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन मौजूद रहेंगे ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

लगातार चलती रही कार्रवाई
पिछले 10 सालों में दुर्ग पुलिस ने कई बार बड़ी मात्रा में गांजा पकड़ा है। यह अवैध माल प्रायः उड़ीसा, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र से ट्रक, कार, बस और यहां तक कि ट्रेनों के जरिए लाया जा रहा था। पुलिस ने लगातार मुखबिर तंत्र और चेकिंग अभियान के जरिए तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करने का काम किया।

दुर्ग-भिलाई बना था तस्करी का मार्ग
औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों के कारण दुर्ग-भिलाई का इलाका नशे के सौदागरों के लिए आसान ठिकाना बन गया था। बड़ी संख्या में तस्कर यहां से होकर गांजा की खेप रायपुर और मध्यप्रदेश तक पहुंचाते थे। पुलिस की लगातार कार्रवाई के चलते तस्करी पर अंकुश लगा है, लेकिन अभी भी कुछ नेटवर्क सक्रिय हैं।

अदालत की देखरेख में नष्ट होगा गांजा
कानून के मुताबिक जप्त नशीले पदार्थों को नष्ट करने के लिए न्यायालय की अनुमति आवश्यक होती है। इसी प्रक्रिया के तहत यह पूरा माल अब ब्लास्ट फर्नेस में जलाया जाएगा। नष्टिकरण के दौरान सभी संबंधित अधिकारी मौजूद रहेंगे।

पुलिस की सख्ती जारी
एसएसपी ने स्पष्ट किया है कि नशे के कारोबार को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। युवाओं को नशे से बचाने के लिए पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है। अब तक दर्जनों तस्करों को जेल भेजा जा चुका है और आगे भी इस अभियान को और तेज किया जाएगा।