सिनेमा और सिनेमाघरों के लिए मसीहा बनेंगे Aamir khan और Tom Cruise जैसे कलाकार

नई दिल्ली। मौजूदा समय में बॉलीवुड हो या हॉलीवुड, सिनेमाघरों की हालत काफी खस्ता चल रही है। ओटीटी के इस दौर ने लोगों के अंदर से मूवीज के लिए उस एक्साइटमेंट को काफी कम कर दिया है। ऑनलाइन फिल्मों की अवेलेबिलिटी ने थिएटर्स पर गहरा असर छोड़ा है। कोरोना के बाद से सिनेमाघरों की चमक-धमक भी काफी फीकी पड़ी है। मगर इंडस्ट्री में कुछ कलाकार ऐसे भी मौजूद हैं जो सिनेमा और सिनेमाघरों को बचाने के लिए सफल प्रयास कर रहे हैं।

बॉलीवुड और हॉलीवुड में सितारे सिर्फ फिल्में नहीं बना रहे, बल्कि सिनेमाघरों की रौनक लौटाने की कोशिश कर रहे हैं। आमिर खान, टॉम क्रूज और दीपिका पादुकोण जैसे सितारे अपनी फिल्मों के जरिए दर्शकों को थिएटर्स तक खींच रहे हैं।

सिनेमाघरों की घटती भीड़ और चुनौती
पिछले कुछ सालों में कोविड महामारी और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती लोकप्रियता ने सिनेमाघरों को मुश्किल में डाल दिया है यह सिनेमा में दिलचस्पी रखने वाले लोग महसूस कर सकते हैं। लोग अब घर पर ही फिल्में देखना पसंद कर रहे हैं। 2024 में भारत में सिनेमाघरों की टिकट बिक्री में 20% की कमी आई, और कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गईं। लेकिन कुछ सितारे इस चुनौती का सामना कर रहे हैं और अपनी फिल्मों से सिनेमाघरों में जान फूंक रहे हैं।

थिएटर्स बनाम ओटीटी एक वैश्विक बहस
आमिर खान और टॉम क्रूज जैसे कलाकार थिएटर्स को बचाने के लिए अपनी तरफ से बड़े कदम बढ़ा रहे हैं मगर हालात अभी काफी उलझे नजर आते हैं। कुछ के लिए ओटीटी वैश्विक दर्शकों तक पहुंचने का दरवाजा खोलता है, जो थिएटर्स से संभव नहीं है। लेकिन कुछ का मानना है कि यह सिनेमा की आत्मा छीन रहा है।

‘G20’ की डायरेक्टर पेट्रीसिया रिगन बदलते दौर को अपनाने की बात करती हैं। वे कहती हैं, “थिएटर नहीं है, लेकिन पूरी दुनिया आपके साथ है। 2000 देश एक साथ फिल्म देखेंगे।” उनकी सोच नेटफ्लिक्स, अमेजन, डिज्नी जैसे प्लेटफॉर्म्स की सुविधा और समावेशिता को दर्शाती है, खासकर मिड-बजट या वैश्विक कहानियों वाली फिल्मों के लिए। वहीं, ‘द स्ट्रेंजर्स’ के डायरेक्टर रेनी हार्लिन थिएटर्स के दीवाने हैं। वे कहते हैं, “मूवी थिएटर में फिल्म देखने का मजा और सामूहिक अनुभव खास है।”

जेम्स हॉज बीच का रास्ता चुनते हुए कहते हैं, “प्लेटफॉर्म से ज्यादा जरूरी है ऐसी चीज बनाना, जो लोग देखना और महसूस करना चाहें।” यह हमेशा एक या दूसरा चुनने की बात नहीं। कई बार फिल्म खुद तय करती है कि उसे किस प्लेटफॉर्म पर जाना है।

थिएटर्स का चैंपियन हैं आमिर खान
आमिर खान अपनी नई फिल्म ‘सितारे जमीं पर’ के साथ सिनेमाघरों को फिर से गुलजार करने की कोशिश में हैं। उन्होंने अमेजन प्राइम वीडियो के 120 करोड़ रुपये के ओटीटी ऑफर को ठुकरा दिया, क्योंकि वह चाहते हैं कि लोग थिएटर्स में फिल्म देखें। आमिर की यह रणनीति कामयाब रही, क्योंकि फिल्म ने पहले दो दिनों में दुनियाभर में 50 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है। फिल्म की कहानी एक बास्केटबॉल कोच (आमिर) की है, जो न्यूरोडायवर्जेंट बच्चों को खेल सिखाता है। यह फिल्म दर्शकों को हंसाती और रुलाती है, साथ ही सामाजिक संदेश देती है।

हॉलीवुड के मिशन मैन टॉम क्रूज
हॉलीवुड में टॉम क्रूज सिनेमाघरों के लिए मसीहा बनकर उभरे हैं। उनकी फिल्म ‘टॉप गन: मेवरिक’ (2022) ने दुनियाभर में 1.5 बिलियन डॉलर (लगभग 12,000 करोड़ रुपये) कमाए और सिनेमाघरों को बंद होने से बचाया है। टॉम ने फिल्म को ओटीटी पर रिलीज करने से इनकार कर दिया और थिएटर्स में 45 दिन का एक्सक्लूसिव रन सुनिश्चित किया था। टॉम का कहना है, “मैं सिनेमाघरों के लिए फिल्में बनाता हूं, क्योंकि वहां का जादू कहीं और नहीं।” उनकी यह सोच हॉलीवुड में सिनेमाघरों की वापसी का बड़ा कारण बनी।

दीपिका पादुकोण और रणबीर कपूर
दीपिका पादुकोण ने 2024 में ‘फाइटर’ और ‘कल्कि 2898 AD’ जैसी फिल्मों से बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाया था। ‘फाइटर’ ने 350 करोड़ रुपये और ‘कल्कि’ ने भी काफी शानदार कलेक्शन किया था। ये फिल्में बड़े स्क्रीन के लिए बनी थीं, जिनमें शानदार विजुअल्स और एक्शन थे। उनकी फिल्मों ने भारतीय सिनेमा को ग्लोबल स्टेज पर पहुंचाया है।

वहीं रणबीर कपूर ने 2023 में ‘एनिमल’ से सिनेमाघरों को ऑक्सीजन देने का काम किया था। ‘एनिमल’ ने 900 करोड़ रुपये कमाए थे। उनकी प्रोडक्शन कंपनी RK Films ने छोटे शहरों में सिनेमाघरों को सपोर्ट करने के लिए टिकट की कीमतें कम की थीं।