शिवपुरीः मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में सोमवार को पहली बार किसी देहदान करने वाले को राजकीय सम्मान दिया गया। 78 वर्षीय दिवंगत सरोज मदान के पार्थिव शरीर को उनकी बेटियों ने मेडिकल कॉलेज को दान किया। दिवंगत सरोज पेशे से शिक्षिका रहीं थीं। खास बात रही की यह पहली बार किसी 'देहदानी' को राजकीय सम्मान देते हुए गार्ड ऑफ ऑनर दिया। माहौल बहुत भावुक हो गया। वहीं, मां की देह को उनकी चारों बेटियों कुसुम, विनीता, पुनीता भुगड़ा, और तृप्ति अरोरा (परिजनों) ने श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय शिवपुरी को समर्पित किया।
2017 में देहदान करने का निर्णय लिया था
इस दौरान मेडिकल कॉलेज के फाउंडर डॉ डी. परमहंस ने परिवार को इस दुख की घड़ी में परिवार को ढांढस बंधाया। उन्होंने परिवार के इस निर्णय की सराहना की और हमेशा परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस दौरान दिवंगत सरोज की बेटी पुनीता ने बताया कि उनकी मां ने 2017 में देहदान करने का निर्णय लिया था।
प्रेरित होकर बेटी का भी देहदान का निर्णय
इसी के चलते दधीचि ने देहदान समिति गुना में मां का पंजीकरण कराया था। बेटी विनिता का यह भी कहना था कि मां शिक्षिका के साथ हमेशा से ही सेवा भाव वाली रहीं हैं, मां का कहना था कि देहदान के बाद हमारा शरीर किसी के काम आ सके। देहदान मां की अंतिम इच्छा भी थी जो हमने पूरी की इसी से प्रेरित होकर बेटी विनिता ने भी देहदान का निर्णय लिया है।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
मध्यप्रदेश शासन ने देहदान करने वालों को राजकीय सम्मान देने का आदेश दिया है। इसके चलते दिवंगत सरोज को शिवपुरी एसपी अमन सिंह राठौड़ के निर्देशन में पुलिस फोर्स ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं, शिवपुरी मेडिकल कॉलेज के इतिहास में यह पहला अवसर रहा, जब किसी मृत देह को राजकीय सम्मान मिला। मेडिकल कॉलेज के कई डॉक्टर्स सहित एमबीबीएस स्टूडेंट्स और कर्मचारियों ने पार्थिव देह को सम्मानपूर्वक ग्रहण किया।