नई दिल्ली। ईरान के नाभिकीय और सैन्य ठिकानों पर शुक्रवार को इजरायल के हमले के बाद ईरानी एयर स्पेस को अनिश्चित काल के लिए बंद किए जाने से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं और भारतीय विमानों के लिए तो यह कठिनाई दोगुनी है, क्योंकि पाकिस्तान का एयरबेस पहले से बंद है।
ईरान ने एयर स्पेस को बंद करने का फैसला किया
एअर इंडिया समेत अन्य विमानन कंपनियों के लिए संचालन, वित्तीय और लाजिस्टिक चुनौतियां काफी गंभीर हैं और आने वाले दिनों में इसमें और अधिक वृद्धि होने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता।
इजरायल के हमले के बाद पश्चिम एशिया में उत्पन्न हुए अभूतपूर्व तनाव के बाद ईरान ने जैसे ही अपने एयर स्पेस को बंद करने का फैसला किया, वैसे ही इराक और जार्डन ने भी अपना आसमान विमानों के लिए बंद कर दिया।
अंतरराष्ट्रीय एयर कॉरिडोर पर गहरा असर
इजरायल ने बेन गुरियन एयरपोर्ट से विमानों का संचालन बंद करने का एलान किया है। इन घटनाक्रमों से प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एयर कॉरिडोर पर गहरा असर पड़ा है और इसके चलते एयरलाइंस लंबा और अधिक लागत वाला वैकल्पिक मार्ग अपना रही हैं।
भारत से यूरोप, उत्तरी अमेरिका और खाड़ी देशों के लिए महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय रूट पर जाने वाले विमान पाकिस्तान के एयर स्पेस से बचते हुए ईरान और इराक होते हुए जाते थे। लेकिन अब यह विकल्प नहीं रह गया है।
एयरलाइंस न्यूनतम तीन घंटे की देरी का अनुमान लगा रही
ईरान, इराक की ओर से अपने एयरस्पेस बंद किए जाने के कारण विमानों को सऊदी अरब, मध्य एशियाई देशों और काकेशश क्षेत्र से होकर जाना पड़ रहा है। इससे फ्लाइट में अधिक समय लगेगा, लोगों को स्वाभाविक असुविधा होगी और अधिक लागत तो आएगी ही।
एयरलाइंस न्यूनतम तीन घंटे की देरी का अनुमान लगा रही हैं। इस असाधारण स्थिति का स्वाभाविक रूप से सबसे अधिक असर एअर इंडिया पर पड़ेगा। उसे अपनी 11 अंतरराष्ट्रीय फ्लाइटों को रीरूट करना पड़ा है, जबकि पांच को बीच रास्ते से प्रस्थान एय़रपोर्ट पर लौटना पड़ा।
अन्य रूटों पर असर पड़ना तय
शुक्रवार को मुंबई से लंदन की एक फ्लाइट को अचानक ईरानी एयरस्पेस बंद होने की सूचना मिलने के बाद वापस आना पड़ा। जिन अन्य रूटों पर असर पड़ना तय है, उनमें न्यूयार्क, टोरंटो, फ्रैंकफर्ट, मिलान, शारजाह और विएना शामिल हैं।