पुणे। पुणे में ट्रैफिक और अवैध कब्जों को लेकर लोगों की नाराजगी के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सख्त रुख दिखाया है। जब वे पुणे के केशवनगर-मुंधवा-हडपसर क्षेत्र में विकास परियोजनाओं का निरीक्षण करने पहुंचे, तब उन्हें स्थानीय निवासियों के गुस्से का सामना करना पड़ा। लोगों ने खराब ट्रैफिक व्यवस्था, पानी की कमी, और घटिया सड़कों जैसी समस्याओं को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। इस पर, डिप्टी सीएम पवार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अधिकारियों को नागरिकों की मांगों को पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने खासतौर पर उन बिल्डरों को अल्टीमेटम दिया जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। पवार ने अधिकारियों से कहा कि जो बिल्डर नागरिक नियमों का पालन नहीं करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसतरह के बिल्डरों को काम रोकने का नोटिस जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर बिल्डर मनमानी करते हैं, तब उन्हें सुधार करना चाहिए, नहीं तब अधिकारी सख्त कदम उठाएं। पवार ने पुणे के पूर्वी गलियारे में ट्रैफिक की भीड़ को कम करने पर भी जोर दिया। उन्होंने नगर निगम और पुलिस अधिकारियों को आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने और हडपसर व मुंधवा में चल रही परियोजनाओं में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने खराड़ी-केशवनगर पुल, मुंधवा चौक, और हडपसर बस टर्मिनस जैसी जगहों का दौरा किया, जो ट्रैफिक की मुख्य समस्याएँ हैं।
सीएमओ तक शिकायत
अजित पवार ने कहा कि पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (पीएमआरडीए) और पुणे नगर निगम (पीएमसी) के बीच समन्वय की कमी के कारण जटिलताएँ पैदा हो रही हैं। पीएमआरडीए निर्माण की अनुमति देता है, लेकिन पीएमसी को नागरिक सुविधाएँ देनी पड़ती हैं। उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ, तब वे इस मुद्दे को मुख्यमंत्री कार्यालय तक भी ले जाएंगे ताकि अनुमति देने का अधिकार पीएमसी को सौंपा जा सके।