मुंबई। साल 2006 के बॉम्बे ब्लास्ट केस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुंबई हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे लगाने को लेकर अजित पवार ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बारे में हम ज्यादा कुछ कह नहीं सकते है। इस केस में कुछ बेगुनाह लोग भी फंसे थे। सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने का निर्णय लिया था।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे मुख्यमंत्री साहब ने भूमिका स्पष्ट कि थी सुप्रीम कोर्ट में हम व अच्छे लॉयर देंगे और यहां हाई कोर्ट में जो कमियां रहेगी उसे ढूंढेंगे। हमारा मानना है किसी पर अन्याय भी नहीं होना चाहिए। लेकिन जो दोषी है उनको सजा भी मिलनी चाहिए। हमारा कहना हम किसी के खिलाफ बिल्कुल नहीं है, लेकिन किसी को सपोर्ट भी नहीं करते।
दूसरी ओर एकनाथ शिंदे ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद, राज्य सरकार ने बिना एक पल भी गंवाए तुरंत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके लिए मैं राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। मैं सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता का भी अभिनंदन करता हूँ।
190 मुंबईवासियों की जान लेने वाले इस सिलसिलेवार बम विस्फोटों का एक भी आरोपी नहीं बचेगा। उसे फांसी पर लटकाया जाएगा। राज्य सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक दोषियों को कड़ी सजा नहीं मिल जाती।
अजित पवार ने कहा – बॉम्बे ब्लास्ट केस मामले में कुछ बेगुनाह लोग भी फंसे थे
