अलीगढ़: एक विशेष Pocso अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। सात साल पहले एक बच्चे की बलि दी गई थी। यह बलि गड़े हुए खजाने को पाने के लिए की गई थी। अदालत ने इस मामले में दो लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, एक अन्य आरोपी को 20 साल की जेल हुई है। अदालत ने इसे जघन्य अपराध करार दिया है।
ADJ (Pocso Act) अनिल कुमार ने ताराचंद और ज्ञान सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोनों 50 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। तीसरे दोषी, जो अपराध के समय नाबालिग था, उसे 20 साल की जेल हुई है।
खाना दिलाने के बहाने घर से ले गया
यह घटना 24 फरवरी, 2018 को चौगानपुर गांव में हुई थी। सात साल का कन्हैया नाम का बच्चा लापता हो गया था। नाबालिग अपराधी उसे खाना दिलाने के बहाने घर से ले गया था। SPO ललित सिंह पुंडीर ने बताया कि अपराधी लड़के को खेत में ले गया। उनका मानना था कि बच्चे की बलि देने से उन्हें छिपा हुआ खजाना मिलेगा। इसलिए तीनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। फिर उसके शव को दफना दिया।
नाबालिग को सुधार गृह भेजा गया था
पुलिस ने 14 मार्च, 2018 को इस मामले को सुलझा लिया। बच्चे के अवशेष मिलने पर पुलिस ने नाबालिग को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपने दो अन्य साथियों के बारे में बताया। इसके बाद पुलिस ने बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया। नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजा गया। बाकी आरोपियों को जेल भेज दिया गया।