सतना संक्रमित ब्लड मामले में जांच कमेटी गठित, डिप्टी सीएम ने बताया चूहों से कैसे निपटेगी सरकार

भोपाल: मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने सतना में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित ब्लड चढ़ाने के मामले को लेकर कहा है कि "जांच के लिए प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बना दी गई है, जो इस पूरे मामले की जांच करेगी." वहीं, मंत्री शुक्ल ने इंदौर के बाद जबलपुर में चूहों की घटना को लेकर कहा कि "कई बिल्डिंगें 70 साल पुरानी हैं, उन्हें तोड़कर नई बिल्डिंग बनाई जा रही है."

बच्चों को चढ़ाए गए ब्लड का खंगाला जा रहा रिकॉर्ड

सतना में थैलेसीमिया पीड़ित 6 बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ा देने के मामले पर अब मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि "ये जो घटना सामने आई है. इस मामले में हमारी अधिकारियों से बात हुई है. इस जांच में ये पता चला है कि एक बच्चे के माता पिता ही एचआईवी पॉजिटिव थे. बाकी बच्चों को रक्त कहां से चढ़ा, इसकी जांच की जा रही है और जानकारी जुटाई जा रही है. रिकार्ड भी खंगाले जा रहे हैं कि बच्चों को कहां-कहां से ब्लड चढ़ाया गया. थैलेसीमिया मरीजों को 2 से 3 बार ब्लड चढ़ाना पड़ता है. ऐसे में ये स्पष्ट नहीं है कि बच्चों को ब्लड कहां से चढ़ा था."

4 महीने बाद बनी जांच कमेटी

घटना के 4 महीने बाद सरकार ने जांच कमेटी बिठाई है. डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि "अब इस पूरे मामले की जांच के लिए प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बना दी गई है, जो इस मामले की जांच करके रिपोर्ट सौंपेगी." राजेन्द्र शुक्ल मोहन सरकार के 2 वर्ष पूरे होने के मौके पर पत्रकार वार्ता में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग की उपलब्धियां गिना रहे थे.

जांच के लिए 6 सदस्यीय समिति का गठन

इस मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त तरुण राठी ने 6 सदस्यीय समिति का गठन कर राज्य स्तरीय जांच दल भेजने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें रीवा संभाग के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्रीय संचालक डॉ. सत्या अवधिया को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं, संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं शिक्षा के ब्लड सेल उप संचालक डॉ. रूबी खान को सचिव बनाया गया है. इसके साथ ही भोपाल एम्स के ब्लड ट्रांसफ्यूजन विशेषज्ञ डॉ. रोमेश जैन, बीएमएचआरसी भोपाल के डॉ. सीमा नवेद, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक संजीव जादोन, औषधि निरीक्षक प्रियंका चौबे शामिल हैं.

पुराने अस्पताल की बिल्डिंग बनेगी नई

डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने जबलपुर हॉस्पिटल में चूहों की घटना पर कहा कि "लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई हुई है. कई अस्पतालों में जो बिल्डिंग है, वो 70 साल पुरानी है. ऐसे सभी अस्पतालों की बिल्डिंग को तोड़कर नई बनाई जा रही है." इसके अलावा ऑनलाईन पोर्टल से डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ की जानकारी हटाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि "इसकी कोई विशेष वजह नहीं है. निगरानी का पूरा एक सिस्टम काम कर रहा है."

'मध्य प्रदेश में 5 से बढ़कर 19 हो गए मेडिकल कॉलेज'

डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि "मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य और चिकित्सा, शिक्षा विभाग के प्रयासों से ये बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है कि पहले जहां प्रदेश में केवल 5 मेडिकल कॉलेज थे. अब वो बढ़कर 19 हो गए हैं. जिसमें 14 निजी अस्पताल भी हैं. इसके अलावा निजी अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई गई है.

 

 

उन्होंने बताया कि "केन्द्र के स्क्रीनिंग अभियान में मध्य प्रदेश नंबर-1 आया है. टीवी मुक्त भारत में मध्य प्रदेश अव्वल रहा है. सिकल सेल एनीमिया में सवा करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग की गई. पुराने 5 मेडिकल कॉलेज को विस्तार दिया गया. निरोगी काया अभियान में हेल्थ कार्ड दिए गए हैं.