नेपाल बॉर्डर पर मिली अर्चना तिवारी, लखीमपुर खीरी में जीआरपी की तलाश पूरी

ग्वालियर: इंदौर से कटनी जा रही ट्रेन से बीच रास्ते लापता हुई अर्चना तिवारी का पता चल गया है. 12 दिन की भाग दौड़ के बाद आखिरकार जीआरपी पुलिस टीम ने उसे नेपाल बॉर्डर से बरामद कर लिया गया है. इस बात की जानकारी खुद जीआरपी पुलिस एसपी ने साझा की है.

नेपाल बॉर्डर के पास मिली अर्चना तिवारी

मध्य प्रदेश के बहुचर्चित अर्चना तिवारी गुमशुदगी केस में जीआरपी पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है. 12 दिन सर्चिंग के बाद जाकर जीआरपी को अर्चना की लोकेशन मिल सकी और उसे नेपाल बॉर्डर के पास उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से बरामद कर लिया गया है. अब जीआरपी पुलिस टीम अर्चना को लेकर भोपाल पहुंच रही है.

 

जीआरपी को मिली सफलता

अर्चना तिवारी गुमशुदगी केस में एक के बाद एक आए लगातार ट्विस्ट के बाद अब भोपाल जीआरपी एसपी राहुल लोढ़ा ने बड़ा खुलासा किया है. एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया है कि "अर्चना तिवारी जीआरपी पुलिस को मिल गई है. उसे नेपाल बॉर्डर के पास यूपी के लखीमपुर खीरी से बरामद कर लिया गया है. पुलिस उसे लेकर भोपाल पहुंचेगी और इसके बाद यहां उसके बयान लिए जाएंगे." बता दें कि इंदौर से कटनी के लिए 7 और 8 अगस्त की दरमियानी रात नर्मदापुरम एक्सप्रेस ट्रेन से सफर कर रही अर्चना तिवारी गायब हो गई थी. इसके बाद भोपाल में जीआरपी पुलिस में इसको लेकर मामला दर्ज किया गया था.

12 दिन से गायब थी अर्चना तिवारी

एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया है कि "मामला दर्ज होने के बाद से ही जीआरपी पुलिस लगातार अर्चना तिवारी की खोजबीन में जुटी हुई थी. पिछले 12 दिनों से जीआरपी टीम युवती को मिडघाट के जंगल, बागड़बा के जंगलों के साथ साथ सभी संभावित इलाकों में उसकी पतासाजी में जुटी हुई थी. इसके लिए सर्चिंग ऑपरेशन के साथ ही ढेरों सीसीटीवी फुटेज भी चेक कराए गए थे. आखिर इतने दिनों बाद जाकर मंगलवार को जीआरपी पुलिस को सफलता हासिल हुई. जीआरपी टीम ने अर्चना तिवारी को नेपाल बॉर्डर के पास उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी से बरामद किया है. और अब पुलिस टीम उसे अलने साथ ले कर भोपाल के लिए रवाना हो चुकी है."

ग्वालियर में भी अर्चना को खोज रही थी जीआरपी पुलिस

बता दें कि अर्चना तिवारी बीते 7 अगस्त को इंदौर से अपने घर कटनी रक्षाबंधन मनाने के लिए निकली थी लेकिन भोपाल तक पहुंचते पहुंचते वह अचानक गायब हो गई. जब ट्रेन कटनी पहुंची तो अर्चना की सीट पर सिर्फ सामान ही परिजनों को मिला था.

इसके बाद मंगलवार को भोपाल जीआरपी टीम ग्वालियर पहुंची थी और यहां भंवरपुरा थाना में पदस्थ आरक्षक राम तोमर को पूछताछ के लिए उठाया था, क्योंकि कॉल डिटेल में राम और अर्चना का एक दूसरे से संपर्क में होने की बात सामने आई थी और बाद में पुलिस पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ था कि, वे दोनों लगभग 2 सालों से एक दूसरे को जानते थे. वहीं मंगलवार को ही अर्चना ने अपने परिजनों को भी कॉल कर बताया था कि वह ठीक है और सुरक्षित है.

 

'अर्चना के बयान के आधार पर होगी कार्रवाई'

भोपाल जीआरपी एसपी राहुल लोढ़ा ने यह साफ कर दिया है कि "जब यूपी से पुलिस टीम अर्चना तिवारी को अपने साथ लेकर लौटेगी और उसके बाद ही उसके बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी."