नई दिल्ली। आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग अपनी सेहत का सही ढंग से ख्याल नहीं रख पा रहे हैं। यही वजह है कि कई तरह की बीमारियां लोगों को घेर रही हैं। इनमें से एक है किडनी की बीमारी।
किडनी हमारे शरीर का बेहद अहम अंग है, जो खून को फ़िल्टर करने और शरीर से अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकालने का काम करता है। जरा सी भी खराबी आने पर यह अपना काम सही ढंग से नहीं कर पाती।
खानपान से तेजी से बढ़ रही किडनी स्टोन की समस्या
गलत खानपान और जीवनशैली की वजह से किडनी में स्टोन (पथरी) की समस्या तेज़ी से बढ़ रही है। यह समस्या होने पर किडनी में मिनरल्स और सॉल्ट के छोटे-छोटे टुकड़े बन जाते हैं, जो बेहद दर्दनाक होते हैं। हालांकि समय रहते इनके लक्षण पहचान लिए जाएं तो दवा से ही यह समस्या ठीक की जा सकती है।
किडनी स्टोन क्या है?
किडनी स्टोन छोटे-छोटे क्रिस्टल्स के गुच्छे होते हैं, जो यूरिनरी ट्रैक्ट में मिनरल्स और दूसरे तत्वों से बनते हैं। ज़्यादातर स्टोन पेशाब के रास्ते अपने-आप निकल जाते हैं, लेकिन मूव करने के दौरान ये तीव्र दर्द पैदा कर सकते हैं। यदि स्टोन खुद बाहर न निकले या ब्लॉकेज पैदा करे तो डॉक्टर को उसे तोड़ने या निकालने की जरूरत पड़ सकती है।
कैसे बनते हैं स्टोन
ये स्टोन मिनरल्स, एसिड और सॉल्ट से किडनी के अंदर बनते हैं। आकार में ये कभी बहुत छोटे (रेत के दाने जितने) होते हैं और कभी बड़े (गोल्फ बॉल जितने, हालांकि ऐसा कम होता है)। छोटे स्टोन का पता कई बार लोगों को नहीं चलता और वे आसानी से यूरिन के साथ निकल जाते हैं। लेकिन बड़े स्टोन यूरिनरी नली (यूरेटर) में फंस सकते हैं, जिससे पेशाब रुक सकता है और किडनी का काम प्रभावित हो सकता है।
किडनी स्टोन के लक्षण
कमर, पेट या साइड में दर्द, जांघों और पैरों में दर्द, उल्टी आना, यूरिन से खून आना, पेशाब करते समय जलन या दर्द, यूरिन रुकना या बार-बार पेशाब की इच्छा होना, बुखार या ठंड लगना, पेशाब का बदबूदार होना।
किडनी स्टोन बनने के कारण
यूरिन में कैल्शियम, सोडियम, ऑक्सलेट और यूरिक एसिड जैसे तत्व होते हैं। जब ये ज्यादा मात्रा में इकट्ठे हो जाएं और शरीर में पानी की कमी हो जाए तो ये आपस में चिपककर क्रिस्टल बना लेते हैं, जिससे स्टोन बनता है।
किन स्थितियों में रिस्क ज्यादा होता है
पानी कम पीने पर, ज्यादा मांस या प्रोटीन लेने पर ,नमक और चीनी का ज्यादा सेवन,विटामिन C सप्लीमेंट ज्यादा लेने पर, परिवार में पहले से किडनी स्टोन की हिस्ट्री होना।