नई दिल्ली: कप्तान लिटन दास की कप्तानी पारी के दम पर बांग्लादेश ने गुरुवार को हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ सात विकेट से शानदार जीत दर्ज की। इस मैच में लिटन दास ने तीसरे विकेट के लिए तौहीद हृदोय के साथ 95 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी से टीम की जीत सुनिश्चित कर दी। अबु धाबी के जायद क्रिकेट स्टेडियम पर खेले गए एशिया कप 2025 के तीसरे मुकाबले में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी हॉन्गकॉन्ग की टीम ने 20 ओवर में सात विकेट पर 143 रन बनाए। जवाब में बांग्लादेश की टीम ने 17.4 ओवर में तीन विकेट पर 144 रन बनाए और मुकाबला अपने नाम कर लिया।
लिटन-तौहीद के बीच रिकॉर्ड साझेदारी
इस मैच में बांग्लादेश के कप्तान लिटन दास और तौहीद हृदोय ने शानदार प्रदर्शन किया। दोनों के बीच 95 रनों की साझेदारी हुई, जो टी20 एशिया कप की तीसरे विकेट या उससे नीचे के विकेट के लिए चौथी सबसे बड़ी साझेदारी है। इससे पहले रोहित शर्मा और सूर्यकुमार यादव के बीच श्रीलंका के खिलाफ 2022 में 97 रनों की पार्टनरशिप हुई थी। इस मामले में शीर्ष पर पाकिस्तान के शोएब मलिक और उमर अकमल हैं, जिनके बीच 2016 में यूएई के खिलाफ 114* रनों की सबसे बड़ी साझेदारी हुई थी। दूसरे स्थान पर किंग कोहली और सूर्यकुमार यादव की जोड़ी है, जिन्होंने 2022 में हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ 98 रनों की नाबाद साझेदारी निभाई थी।
लिटन दास ने हासिल की बड़ी उपलब्धि
इस मुकाबले में लिटन दास 39 गेंदों में 59 रन बनाकर आउट हुए। उन्होंने छह चौके और एक छक्का लगाया। वहीं, तौहीद 36 गेंदों में 35 रन बनाकर नाबाद रहे। लिटन का यह टी20 अंतरराष्ट्रीय में चौथा अर्धशतक है। इसी के साथ उन्होंने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली। वह बांग्लादेश के लिए टी20 एशिया कप में 50+ स्कोर बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गए। इससे पहले यह रिकॉर्ड सब्बीर रहमान के नाम था, जिन्होंने 2016 में श्रीलंका के खिलाफ 80 रनों की शानदार पारी खेली थी।
बांग्लादेश के कप्तान ने पहली जीत पर जताई खुशी
एशिया कप में जीत के साथ शुरुआत करने पर बांग्लादेश के कप्तान ने खुशी जताई। लिटन दास ने कहा, 'पहला मैच जीतना जरूरी था। हमने पिछली दो सीरीज में अच्छा क्रिकेट खेला है, लेकिन एशिया कप में दबाव अलग हो सकता है। हमने आज बहुत अच्छा खेला। पिछले कुछ वर्षों में हमारे तेज गेंदबाजी विभाग ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, और हम बस एक लेग स्पिनर की तलाश में थे और रिशाद ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। विकेट थोड़ा धीमा था, इसलिए हमें बीच के ओवरों में सावधानी से खेलना था और बड़े मैदान का पूरा फायदा सिंगल और डबल रन के साथ उठाना था।'