विदिशा: मध्य प्रदेश के विदिशा में बड़ी धूमधाम से गणेश उत्सव मनाया गया. शनिवार को प्रदेश भर में भक्तों ने भव्य विसर्जन शोभा यात्राओं के साथ बप्पा को विदा किया. यहां जानकीनगर में दूसरी बार सजी गणेश झांकी ने सबका मन मोह लिया. जानकीनगर के झांकी प्रमुख अमित शर्मा ने बताया "गणपति बप्पा को रिद्धि माता के साथ दर्शाया गया है." गणेश जी अपनी उंगली से रिद्धि माता को घुमाते हुए दिखाया गया है.
नाबालिगों ने सजाई झांकी
सोनकर भवन में बनी झांकी केदारनाथ धाम के अनुरूप तैयार की गई. इसको 10 साल से कम उम्र के बच्चों ने मिलकर तैयार किया है. बच्चों द्वारा इतने बड़े आयोजन का जिम्मा उठाना श्रद्धालुओं के लिए आश्चर्य का क्षण था. वहीं, रायसेन दरवाजे के अंदर श्री रामदेव बाबा सेवा समिति द्वारा स्थापित प्रतिमा भी कलात्मकता और आकर्षण का केंद्र बनी रही. भले ही मूर्ति का आकार विशाल न था, लेकिन उसकी सुंदरता ने हर भक्त का दिल जीत लिया.
नंदवाना में रही गणेश प्रतिमा विशेष
विदिशा के नंदवाना में गणेश प्रतिमा विशेष रही. यहां गणेश जी के एक ओर कार्तिकेय और दूसरी ओर बहन अशोक सुंदरी का चित्रण किया गया. झांकी भक्ति और पारिवारिक भावनाओं का अद्भुत संगम बनी. इसके अलावा तोपपुरा इलाके में गणेश और कार्तिकेय को महर्षि वाल्मीकि से शिक्षा ग्रहण करते दर्शाया गया.
झांकी से फैलाया गया धर्म के प्रति जागरुकता
शहर के खाई रोड पर गणेश जी को विष्णु के दस अवतारों के रूप में दर्शाया गया. मत्स्य से लेकर कल्कि अवतार तक, हर स्वरूप गणपति बप्पा की प्रतिमा में समाहित रहा. झांकी प्रमुख शुभम सेन ने बताया कि इसका उद्देश्य धर्म के प्रति जागरूकता फैलाना है.
पर्यावरण संरक्षण का संदेश
चोपड़ा में गणेश प्रतिमा के साथ वानर और मोर दर्शाए गए. चारों ओर हरियाली से सजे पंडाल ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया. जंगलों की कटाई, जलस्तर में गिरावट और ऑक्सीजन की कमी को ध्यान में रखते हुए यह झांकी समाज के लिए चेतावनी और प्रेरणा दोनों बनी.
श्रद्धालुओं ने अपनी-अपनी प्रतिमाओं का श्रद्धाभाव से विसर्जन किया है. जिन भक्तों ने अपने घर बप्पा की मूर्ति स्थापित की है, वे शनिवार को बप्पा की मूर्ति का विधि-विधान से विसर्जन किया. इस दौरान हर आंखें नम और हर मन भक्ति से भरा नजर आया.