भाजपा शासित राज्यों में बंगाली श्रमिकों का उत्पीड़न: टीएमसी सांसद का आरोप

टीएमसी सांसद समीरुल इस्लाम ने बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों को लेकर बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. उनका कहना है कि बीजेपी शासित राज्यों में बंगाल के श्रमिकों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है, उन्हें उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. श्रमिकों बांग्लादेशी करार दिया जा रहा है. 

बीजेपी शासित राज्यों में बांग्लाभाषी लोगों को किया जा रहा प्रताड़ित, TMC सांसद का आरोप

देशभर में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इस बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद समीरुल इस्लाम ने बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों को लेकर बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. उनका कहना है कि बीजेपी शासित राज्यों में बंगाल के श्रमिकों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है, उन्हें उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. श्रमिकों बांग्लादेशी करार दिया जा रहा है. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए सांसद समीरुल इस्लाम ने कहा कि ‘इन प्रवासी श्रमिकों को बिना किसी पुलिस रिकॉर्ड के हिरासत में लिया जा रहा है. अधिकारी उनकी नागरिकता सत्यापित करने के लिए राज्य सरकार से संपर्क भी नहीं कर रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का मकसद क्या है?.

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बांग्ला भाषी श्रमिकों का हो रहा उत्पीड़न
सांसद ने आगे लिखा क्या वे सभी भारतीय कानूनों को दरकिनार करते हुए बंगाल को अवैध तरीके से दंडित करने का इरादा रखते हैं, सिर्फ इसलिए कि वे राज्य में चुनाव जीतने में नाकाम रहे?’. इस्लाम ने सवाल किया कि भारतीय नागरिकों के साथ इस तरह का व्यवहार कैसे किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों का उत्पीड़न लगातार जारी है. वैध दस्तावेज होने के बावजूद बंगाल के कई गरीब श्रमिकों को गलत तरीके से बांग्लादेशी बताया जा रहा है. उन्हें हर संभव तरीके से परेशान किया जा रहा है, जिसमें अवैध हिरासत और जबरन सीमा पार बांग्लादेश भेजना भी शामिल है.

घुसपैठ के लिए बीएसएफ जिम्मेदार
टीएमसी सांसद ने कहा कि अगर कोई घुसपैठ हुई है, तो इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की है. उन्होंने कहा कि गरीब बंगाली नागरिकों को इस तरह अलोकतांत्रिक तरीके से क्यों निशाना बनाया जा रहा है?. इस्लाम ने आरोप लगाया कि बांग्ला भाषी प्रवासियों को बिना किसी कोर्ट में पेश किए 24 घंटे से ज्यादा समय तक हिरासत में रखा जा रहा है.

बंगालियों के उत्पीड़न पर चुप नहीं रहेंगे
उन्होंने कहा कि कौन सा कानून उन्हें ऐसा करने की इजाजत देता है?. यहां तक ​​कि उन राज्यों की पुलिस भी पहचान प्रमाण के रूप में असली आधार कार्ड, ईपीआईसी (फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र) और राशन कार्ड स्वीकार करने से इनकार कर रही है. इस्लाम ने आरोप लगाया कि लोगों को बांग्ला बोलने के लिए क्रूरता का सामना करना पड़ रहा है, जिसे रवींद्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे जैसे विद्वान और देशभक्त भी बोलते थे. सांसद ने कहा कि पश्चिम बंगाल चुप नहीं रहेगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में हम गरीबों की आवाज को सिर्फ इसलिए नहीं कुचलने देंगे क्योंकि वे बांग्ला बोलते हैं, हम यह लड़ाई लड़ेंगे और हम इसे अपनी शर्तों पर लड़ेंगे.

महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों के अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बीच टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों ने बांग्ला भाषी प्रवासियों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया है. कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि उनके पास सूचना है कि 300-400 बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों को वैध दस्तावेज दिखाने के बावजूद राजस्थान में एक इमारत में कथित तौर पर बंधक बनाकर रखा गया है.

इस महीने की शुरुआत में पश्चिम बंगाल की एक महिला सहित सात प्रवासी श्रमिकों को, जिन्हें बांग्लादेशी होने के संदेह में गलत तरीके से पकड़ लिया गया था और फिर भारत-बांग्लादेश सीमा के रास्ते बांग्लादेश भेज दिया गया था, हालांकि उनकी भारतीय नागरिकता सत्यापित होने के बाद उन्हें वापस बुला लिया गया था. जिसके बाद से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं.