बड़ी खबर: दो दिनों के लिए रोकी गई केदारनाथ यात्रा, जानिये क्यों लिया फैसला

रुद्रप्रयाग: जनपद रुद्रप्रयाग में लगातार हो रही बारिश के कारण केदारनाथ धाम पैदल मार्ग खतरनाक हो गया है. वहीं मध्यमहेश्वर घाटी में भी अत्यधिक बारिश हुई है. जिसे देखते हुए केदारनाथ और मध्यमहेश्वर यात्रा अगल दो दिनों के लिए रोक दी गई है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है.

बता दें उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश हो रही हैं. जिसके कारण लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ रही हैं. केदारनाथ में भी बारिश हो रही है. जिससे पैदल मार्ग के कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त एवं पहाड़ी से मलबा-पत्थर गिरने की संभावना है. जिसके चलते पैदल आवागमन करने वाले श्रद्धालुओं एवं आम जनमानस की सुरक्षा के दृष्टिगत जिला प्रशासन के स्तर से अगले 48 घंटे के लिए केदारनाथ धाम यात्रा व मध्यमहेश्वर धाम यात्रा को स्थगित किया गया है.

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आगामी दिवसों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर जगह जगह बोल्डर गिर रहे हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है.

पुलिस ने नदी किनारे जाने पर लगाई रोक: पहाड़ों में लगातार मूसलाधार बारिश जारी है, जिस कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मौसम विभाग की ओर से भी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. लगातार हो रही बारिश के बाद रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी डेंजर लेवल को पार करते हुए बह रही है. नदी किनारे स्थित सभी घाट व रास्ते जलमग्न हो गये हैं. नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है.

उफान पर अलकनंदा नदी: रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी उफान पर बह रही है. नदी ने अपने डेंजर लेवल को पार कर दिया है और खतरे के निशान के करीब बह रही है. नदी किनारे जाने वाले रास्ते भी बंद हो गये हैं, सभी घाट जलमग्न हैं. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी से लगभग 30 मीटर दूर भगवान शिव की 15 फीट ऊंची मूर्ति स्थित है, लेकिन अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से मूर्ति का पानी के भीतर कुछ पता नहीं चल पा रहा है. यदि बारिश इसी प्रकार जारी रही तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं.