यूपी में कांवड़ यात्रा को लेकर बड़ा अपडेट, अब पहली बार लगाई गई महिलाओं की ड्यूटी

 कांवड़ यात्रा में अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। शिक्षा विभाग से अधिकारियों, कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। पहली बार नगर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में तैनात 15 से अधिक शिक्षिकाओं और महिला शिक्षामित्रों की की ड्यूटी भी लगा दी गई है। जिस पर शिक्षिकाओं ने आपत्ति की है। इस मामले को लेकर शिक्षिकाओं ने अधिकारियों से ड्यूटी हटाने की मांग की है।

जुलाई माह से कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी। जिसके चलते पुलिस-प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के साथ ही इस बार शिक्षिकाओं की ड्यूटी भी लगाई गई है। कुछ शिक्षिकाओं की ड्यूटी दोपहर दो से रात्रि 10 बजे वाली शिफ्ट में कंट्रोल रूम में लगाई है।

शिवचौक कांवड़ कंट्रोल रूम में उच्च प्राथमिक विद्यालय महावीर चौक से शिक्षिका दीप्ति माहेश्वरी, तृप्ति नाैटियाल, प्राथमिक विद्यालय पूर्वी पाठशाला से हिमानी रानी, कंपोजिट विद्यालय सरवट से अलका त्यागी व शैली छाबड़ा, प्राथमिक विद्यालय गांधी कालेनी से सुषमा मलिक, हर्षिता आनंद, नीलम देवी, प्राथमिक विद्यालय नई मंडी से रूचि गर्ग, प्राथमिक विद्यालय खालापार से शिक्षामित्र बबीता चौधरी, प्राथमिक विद्यालय ललित कन्या से शिक्षामित्र संगीता रानी, प्राथमिक विद्यालय पटेल कन्या से अंबिका, प्राथमिक विद्यालय टाउनहाल से शिक्षामित्र विनीता कौशिक, प्राथमिक विद्यालय गांधी कालोनी से शिक्षामित्र ममता शर्मा, प्राथमिक विद्यालय शाकुंतलम की प्रधान अध्यापिका कविता रानी समेत शिक्षामित्र शालू, पूजा कौशिक की कंट्रोल रूम, खोया-पाया केंद्रों पर लगा दी गई है।

इस पर शिक्षिकाओं ने कलेक्ट्रेट और बीएसए कार्यालय पहुंचकर आपत्ति जताई। उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष वंदना बालियान ने बताया कि कांवड़ यात्रा में पहली बार शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाई गई है। रात्रि में 10 बजे तक शिक्षिकाओं से ड्यूटी करने का संगठन विरोध करता है। बीएसए समेत उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया गया है। बीएसए संदीप कुमार ने बताया कि शिक्षक-शिक्षिकाओं की ड्यूटी प्रशासनिक स्तर से लगाई गई है।