Bilaspur Train Accident की जांच को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) ने रेलवे की जांच रिपोर्ट पर गंभीर सवाल उठाए हैं। संगठन ने आरोप लगाया है कि रिपोर्ट में लोको पायलट विद्यासागर को काल्पनिक रूप से दोषी ठहराया गया है। AILRSA के मुताबिक, बिना किसी फैक्ट फाइंडिंग जांच के रिपोर्ट जारी करना न केवल गलत है बल्कि यह निष्पक्षता पर भी सवाल खड़ा करता है।
AILRSA के पदाधिकारियों ने भुसावल में रेलवे अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा और मामले की दोबारा जांच की मांग की। शुक्रवार को संगठन के प्रतिनिधियों ने कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) के सामने आपत्ति दर्ज कराई। इस दौरान लगभग 40 मिनट तक वन-टू-वन चर्चा हुई, जिसमें उन्होंने रेल सुरक्षा से जुड़ी कई समस्याओं को भी सामने रखा। CRS ने संगठन से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा है।
रेलवे की प्रारंभिक रिपोर्ट में हादसे का जिम्मेदार लोको पायलट विद्यासागर को बताया गया था। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि उन्हें हाल ही में मालगाड़ी से यात्री ट्रेन चलाने के लिए नियुक्त किया गया था। इस पर संगठन का कहना है कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी देने से पहले पर्याप्त ट्रेनिंग और पर्यवेक्षण आवश्यक था।
AILRSA ने SECR बिलासपुर प्रशासन से मांग की है कि रिपोर्ट पर पुनर्विचार किया जाए और केवल विस्तृत फैक्ट फाइंडिंग जांच के बाद ही निष्कर्ष जारी किए जाएं। संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि बिना उचित जांच के किसी कर्मचारी को दोषी ठहराना रेलवे स्टाफ के मनोबल पर असर डाल सकता है।
