नेताओं के परिवार पर कस गई BJP की लगाम, तीन रिश्तेदार इस्तीफ़ा देकर बाहर – बेटों को टिकट नहीं

भोपाल: बीजेपी में जिला कार्य समितियों की नियुक्ति के बाद बड़ा विवाद शुरू हो गया। कुछ जिलों में प्रभावशाली नेताओं के रिश्तेदारों या परिवार के सदस्यों की नियुक्ति हो गई है। ऐसे तीन मामले सामने आए हैं, जिनकी नियुक्तियां रद्द हो सकती है। इनमें पीएचई मंत्री संपतिया उइके की बेटी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की बहन शामिल हैं। पार्टी इनकी नियुक्तियां रद्द कर सकती हैं। हालांकि गिरीश गौतम के बेटे ने खुद ही अपना इस्तीफा भेज दिया है।

14 जिलों में हुई थी नियुक्ति
दरअसल, पिछले हफ्ते, राज्य BJP ने 62 में से 14 ज़िला संगठनों में कार्य समिति के सदस्यों की नियुक्ति की। इनमें मंडला, शाजापुर, शहडोल, दमोह, बेतूल, बालाघाट और भोपाल (ग्रामीण) शामिल हैं। विवाद तब शुरू हुआ जब नियुक्ति लिस्ट में तीन नाम ऐसे लोगों के थे जो पहले से ही महत्वपूर्ण पदों पर बैठे पार्टी कार्यकर्ताओं के करीबी रिश्तेदार थे।

नहीं चलेगा भाई-भतीजावाद
राज्य BJP अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल से इस बारे में शिकायत की गई। शिकायत में कहा गया कि जब PM नरेंद्र मोदी ने भाई-भतीजावाद के खिलाफ सलाह दी है, तो कुछ परिवारों को दो पदों का लाभ क्यों मिल रहा है? इस साल की शुरुआत में, PM मोदी ने कहा था कि राजनीति में जमींदारी संस्कृति खत्म होनी चाहिए। राजनीति में भाई-भतीजावाद की कोई संभावना नहीं होनी चाहिए। राज्य BJP के प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि जिला कार्य समितियों में नियुक्त किए गए सभी लोग जमीनी स्तर से जुड़े कार्यकर्ता हैं। वे विश्वसनीय और सक्षम लोग हैं। पार्टी ज्यादा से ज्यादा मेहनती और समर्पित कार्यकर्ताओं के लिए जगह बनाना चाहती है। लेकिन कुछ विवाद के बाद पार्टी कुछ नियुक्तियों की समीक्षा कर रही है। ज़िला कार्य समितियों की नियुक्ति के लिए कोई विशेष मापदंड नहीं बनाया गया है और इस्तीफे अभी तक आधिकारिक तौर पर स्वीकार नहीं किए गए हैं।

इन्हें मिला पद
कैबिनेट मंत्री संपतिया उइके की बेटी श्रद्धा उइके को ज़िला कार्य समिति में सचिव बनाया गया था। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने राज्य BJP अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल को एक त्याग पत्र भेजा। उन्होंने कहा कि वह ग्राम पंचायत टिकरवाड़ा की सरपंच हैं और उन्हें संगठनात्मक जिम्मेदारी से मुक्त किया जाना चाहिए। मंडला से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की बहन प्रिया धुर्वे को मंडला ज़िला कार्य समिति का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। पार्टी सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने उन्हें पद छोड़ने के लिए कहा है। पूर्व स्पीकर और MLA गिरीश गौतम के बेटे राहुल गौतम को मऊगंज ज़िला कार्य समिति का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। हालांकि, उन्होंने भी पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी सूत्रों ने यह भी कहा कि संभावना है कि तीनों इस्तीफे पार्टी द्वारा स्वीकार कर लिए जाएंगे। इसका मुख्य कारण यह है कि 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान, कुछ प्रमुख नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट से वंचित कर दिया गया था क्योंकि पार्टी हाईकमान ने भाई-भतीजावाद को मंजूरी नहीं दी थी।

नेता-पुत्रों की राह आसान नहीं
वहीं, पार्टी के रूख से साफ है कि आगे भी नेता पुत्रों की राह आसान नहीं है। बीते कई सालों से बीजेपी के बड़े नेताओं के पुत्र इंतजार में हैं लेकिन मौका नहीं मिल रहा है। इसमें शिवराज सिंह चौहान से लेकर नरेंद्र सिंह तोमर तक के बेटे शामिल हैं। अगर किसी नेता पुत्र को टिकट मिला भी तो पिता की छुट्टी हो गई।