अंबेडकरनगर के महरुआ थाने पर भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष रिंकल सिंह और उनके पति के साथ मंगलवार को बदसलूकी की गई। इस दौरान रिंकल और उनके पति संजय सिंह थाने पर फूट फूट कर रोए। उनका आरोप है कि उनके साथ मारपीट करने वाले आरोपी चैन से अपने घर में सो रहे हैं। इसकी जानकारी थानाध्यक्ष से लेकर हलका सिपाही को देने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने से नाराज रिंकल सुबह आठ बजे थाने पहुंच धरने पर बैठ गईं। करीब आधे घंटे बाद उनके पति संजय सिंह भी पहुंच गए और आरोपियों को गिरफ्तारी की मांग करने लगे।
करीब 10 बजे किछौछा चेयरमैन ओमकार गुप्ता भी रिंकल के समर्थन में थाने पहुंचे और आरोपियों को गिरफ्तार करने का समर्थन किया। इसके बाद पुलिस ने विनय सिंह उर्फ शिंपू सिंह को हिरासत में लेकर शांतिभंग में चालान कर दिया। इसके बाद भी रिंकल सिंह धरना समाप्त करने को तैयार नहीं हुई। वह अन्य आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करती रहीं।
मामला तूल पकड़ता देख संगठन के पदाधिकारियों ने पुलिस के उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई जिसके बाद महिला थानाध्यक्ष ज्योति वर्मा महिला आरक्षियों के साथ मौके पर पहुंचीं और रिंकल को धरने से उठाकर उनके घर पर छोड़ा। आरोप है कि उनको वाहन में बैठाने के दौरान उनके साथ महिला पुलिसकर्मियों ने बदसलूकी भी की। जबरन वाहन में बैठाने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। अमर उजाला इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। कटेहरी विधायक धर्मराज निषाद भी थाने पहुंचे, लेकिन तब तक रिंकल को पुलिस लेकर जा चुकी थी। जानकारी के अनुसार घर पर पहुंचने के बाद रिंकल की तबियत खराब होने पर उन्हें जिला अस्पताल ले जाना पड़ा।
यह था पूरा मामला
महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष के मुताबिक उनके गांव में एक सरकारी तालाब है। इसमें गांव निवासी दीपक सिंह, उसके भाई अवनीश सिंह और राजन सिंह ने मछली पालन कर रखा है। इसी तालाब के रास्ते बारिश का पानी दूसरे तालाब के रास्ते निकल जाता है, जिससे गांव में जलभराव की समस्या नहीं होती है। 22 जून को आरोपी तालाब पर बांध बना रहे थे। इसकी शिकायत कुछ ग्रामीणों ने की, जिसके बाद रिंकल सिंह व उनके पति संजय सिंह मौके पर पहुंचे थे। जहां उनको गालियां दी गई थीं। इसके बाद घर मेंं घुसकर उनकी पिटाई के साथ ही पिस्टल दिखाकर जाने से मारने की धमकी दी गई थी। तहरीर देने पर उनकी तहरीर बदलवाने का पुलिस पर आरोप भी लगाया है।
एएसपी पश्चिमी हरेंद्र कुमार का कहना है कि तहरीर के आधार पर जो केस दर्ज हुआ है। उसमें जेल भेजने की धारा शामिल नहीं है। एक आरोपी को गिरफ्तार कर शांतिभंग में चालान कर दिया गया है। महिला मोर्चा अध्यक्ष को महिला थानाध्यक्ष के साथ उनके घर भिजवा दिया गया है।