इंफेक्शन का कारण बना काला धागा, डॉक्टर बोले – लोग नहीं मानते, उल्टा मुझे ही पागल कहेंगे

Baby Care। अक्सर देखा जाता है कि नवजात शिशुओं के हाथ, पैर, गले या कमर में काले धागे बांधे जाते हैं। घर-परिवार में यह मान्यता है कि इससे बच्चे को बुरी नजर नहीं लगती है। हालांकि यह परंपरा कई बार मासूमों की सेहत के लिए खतरा बन जाती है। हाल ही में एक मीडिया हाउस को दिए गए इंटरव्यू में पीडियाट्रिशयन डॉक्टर इमरान पटेल ने बताया कि एक नवजात बच्चे को काला धागा बांधने की वजह से गंभीर इंफेक्शन हो गया था। उन्होंने क्या कुछ और बताया आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

बिल्कुल नहीं बांधना चाहिए काला धागा

एक मीडिया संस्थान को दिए गए इंटरव्यू के दौरान जब डॉक्टर इमरान पटेल से पूछा गया कि क्या बच्चों को काला धागा बांधना चाहिए, तो उन्होंने साफ-साफ कहा- ‘बिल्कुल भी नहीं।’ बेबीज के काला धागा कतई नहीं बांधना चाहिए।

लोग मुझे ही समझने लेंगे पागल 

पीडियाट्रिशियन डॉ. इमरान पटेल आगे कहते हैं, ‘अब लोग मेरी यह बात सुनकर कहेंगे कि डॉक्टर पागल हो गया है, लेकिन यकीन मानिए, मेरे पास एक ऐसा मामला आया था, जहां काला धागा बांधने की वजह से बच्चे को गंभीर इंफेक्शन हो गया था।

बच्चे की स्किन कट गई

डॉ. इमरान पटेल ने बताया कि उस केस में बच्चे का धागा काट कर अंदर चला गया और अंत में वहां पर इंफेक्शन होने के बाद परिवार वालों को बदबू आने लगी थी। यकीन मानिए कि धागे की वजह से स्किन पर कट हो गया था बच्चे का।

सॉफ्ट और ढीली चूड़िया पहनाओ

डॉ. इमरान पटेल कहते हैं कि धागे का फायदा क्या है बच्चे को बुरी नजर से बचाने के लिए तो इसके लिए आप बेबी को सॉफ्ट और ढीली चूड़ियां पहना सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि वह लूज हों और उन्हें हर सप्ताह बदलना जरूरी है।

केवल पैर में ही बांधे धागा 

चाइल्ड स्पेशलिस्ट का कहना है कि अगर आप बच्चे को धागा बांधना ही चाहते हैं, तो उसे केवल पैर में ही बांधें। कमर, हाथ या गले में धागा बांधना उचित नहीं है, क्योंकि बच्चे अक्सर अपने हाथ मुंह में डालते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

समय-समय बदलते रहें

डॉक्टर पटेल कहते हैं कि नहलाते वक्त इन जगहों को ठीक से साफ करना भी मुश्किल होता है, जिससे गंदगी जमा हो सकती है और धीरे-धीरे इंफेक्शन का रूप ले सकती है। इसलिए अगर नजर के लिए धागा बांधना है, तो केवल एक पैर में और साफ-सुथरे तरीके से बांधें। साथ ही समय-समय पर उसे बदलते रहें।