“हैंडपंप मेंटेनेंस का बिल पास कराने के नाम पर मांगी रिश्वत, जबलपुर में अफसर रंगे हाथ पकड़े गए”

जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग के कार्यपालन यंत्री और वरिष्ठ लेखा लिपिक को आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने बुधवार को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने ठेकेदार से हैंडपंप मेंटेनेंस के बिल पास करने के लिए 24 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।

ईओडब्ल्यू से प्राप्त जानकारी के अनुसार दमोह निवासी ठेकेदार रोहित बरौलिया ने सिहोरा ब्लॉक में हैंडपंप मेंटेनेंस का काम पूरा किया था। इसके बाद उसने दमोह नाका स्थित पीएचई कार्यालय में 2 लाख 47 हजार रुपये का बिल लगाया। बिल पास कराने के लिए कार्यपालन यंत्री शरद कुमार सिंह ने बिल की कुल राशि का 10 प्रतिशत (करीब 24 हजार रुपये) रिश्वत के रूप में मांगा।

रिश्वत मांगने की शिकायत ठेकेदार ने ईओडब्ल्यू के जबलपुर एसपी अनिल विश्वकर्मा से की। शिकायत के आधार पर टीम ने पहले मामले का सत्यापन किया, फिर ट्रैप कार्रवाई की योजना बनाई। बुधवार दोपहर ठेकेदार ने शरद कुमार सिंह के निर्देश पर रिश्वत की रकम विभाग के वरिष्ठ लेखा लिपिक विकास पटैल को सौंपी। उसी समय डीएसपी स्वर्ण सिंह धामी के नेतृत्व में ईओडब्ल्यू टीम ने कार्रवाई करते हुए दोनों अधिकारियों को रंगेहाथ पकड़ लिया।

ईओडब्ल्यू ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। मामले की गहन जांच जारी है। इस कार्रवाई से पीएचई विभाग में हड़कंप मच गया है। ईओडब्ल्यू अधिकारियों का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा।