बुमराह का स्पीड शो, सिराज से तीन गुना ज्यादा फेंकी 140+ की गेंदें

नई दिल्ली : रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट से संन्यास के बाद से भारतीय टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है। हालांकि, इस युवा टीम ने इंग्लैंड दौरे पर खुद को साबित किया और शुभमन गिल ने दिखा दिया कि भारत का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। इंग्लैंड दौरे पर भारत ने 2-2 से सीरीज बराबर की। भारत ने वही दो मैच जीते, जिनमें जसप्रीत बुमराह नहीं खेल रहे थे, लेकिन इससे इस तेज गेंदबाजी की अहमियत कम नहीं होती।

बुमराह भारत के शीर्ष तेज गेंदबाज

भारतीय टेस्ट क्रिकेट में तेज गेंदबाजी की बात हो और बुमराह का नाम न आए, ऐसा संभव ही नहीं। 2023 से अब तक बुमराह ने जिस तरह की रफ्तार और निरंतरता दिखाई है, वह उन्हें टीम इंडिया का सबसे घातक गेंदबाज बनाती है। आंकड़ों के मुताबिक, बुमराह ने इस अवधि में सबसे अधिक 140 किलोमीटर प्रति घंटा से तेज गेंदें फेंकी हैं।

सिराज से इस मामले में तीन गुना आगे

बुमराह ने 2023 से अब तक कुल 333 गेंदें 140+ किमी/घंटा की रफ्तार से डाली हैं, जो दूसरे नंबर पर मौजूद मोहम्मद सिराज (118 गेंदें) से लगभग तीन गुना ज्यादा है। यह आंकड़ा सिर्फ उनकी गति नहीं, बल्कि उनकी फिटनेस, अनुशासन और लंबी स्पेल में तेज गति बनाए रखने की क्षमता को भी दर्शाता है। सिराज, जो अपनी आक्रामक गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं, इस सूची में दूसरे स्थान पर हैं, लेकिन बुमराह से काफी पीछे हैं। वहीं, प्रसिद्ध कृष्णा तीसरे नंबर पर हैं, जिन्होंने 90 गेंदें 140+ की रफ्तार से फेंकी हैं।

अनुभवी मोहम्मद शमी इस सूची में चौथे स्थान पर हैं। हालांकि उन्होंने केवल 32 गेंदें ही 140+ की स्पीड से डाली हैं। इसका कारण चोट और सीमित मैचों में भागीदारी हो सकता है। हर्षित राणा (28 गेंदें) और आकाश दीप (26 गेंदें) भी इस सूची में शामिल हैं, जो हाल में भारतीय टेस्ट टीम में तेज गेंदबाजों के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं।

बुमराह भारत के प्रमुख हथियार

यह उपलब्धि बुमराह के लिए और भी खास है क्योंकि वह केवल गति पर निर्भर गेंदबाज नहीं हैं, बल्कि उनकी लाइन-लेंथ, स्विंग और यॉर्कर का सटीक इस्तेमाल उन्हें बल्लेबाजों के लिए दु:स्वप्न बना देता है। तेज गेंदबाजों के लिए लंबे समय तक 140+ किमी/घंटे की स्पीड बनाए रखना आसान नहीं होता, खासकर टेस्ट क्रिकेट में जहां स्पेल लंबे होते हैं और परिस्थितियां हमेशा मददगार नहीं होतीं। 2023 के बाद से भारतीय पेस अटैक ने विदेशी और घरेलू दोनों परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन किया है। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या दक्षिण अफ्रीका जैसी पिचों पर जहां तेज गेंदबाजों की भूमिका अहम होती है, वहां बुमराह की यह गति भारत के लिए बड़ा हथियार साबित हुई है।

इसलिए दिया जाता है वर्कलोड पर ध्यान

विशेषज्ञों का मानना है कि बुमराह की यह क्षमता आने वाले वर्षों में भी टीम इंडिया को मजबूत बनाए रखेगी। उनकी फिटनेस और तकनीकी कुशलता यह सुनिश्चित करती है कि वह सिर्फ गति से ही नहीं, बल्कि स्मार्ट गेंदबाजी से भी बल्लेबाजों को परेशान करते रहेंगे। यही वजह है कि उनके वर्कलोड पर ध्यान दिया जाता है। मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट में उनकी गति जब 140 से कम की रही तो सभी हैरान रह गए थे और यह चर्चा का विषय बन गया था।

कुल मिलाकर, जसप्रीत बुमराह का यह प्रदर्शन साफ बताता है कि वह न केवल भारत के, बल्कि दुनिया के भी शीर्ष तेज गेंदबाजों में शुमार हैं। 140+ की रफ्तार से लगातार गेंदबाजी करना और ऐसा तीन गुना ज्यादा बार करना, जितना निकटतम प्रतिद्वंदी सिराज ने किया है, यह किसी भी गेंदबाज के लिए गर्व की बात है।