शहर के एक व्यापारी मनोज तिवारी से शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन के नाम पर की गई 5.29 करोड़ की धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़ित की शिकायत पर तारबाहर पुलिस ने आरोपी अनिता उपाध्याय, करुणाकर उर्फ रत्नाकर उपाध्याय, सौरभ सिंह और प्रांशु अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
ऐसे फंसाया जाल में..
शिकायतकर्ता मनोज तिवारी ने बताया कि नवंबर 2024 में राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन के नाम से स्वेटर सप्लाई का टेंडर जारी किया गया था। आरोपियों ने खुद को मिशन से अधिकृत बताया और भारत सरकार के मंत्रालयों के नाम पर फर्जी दस्तावेज, सील और हस्ताक्षरित पत्र दिखाकर भरोसा दिलाया। उनके झांसे में आकर उन्होंने 25 लाख रुपए का डिमांड ड्राफ्ट और 15 लाख रुपए नगद बतौर टेंडर सिक्योरिटी जमा किया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच 30 करोड़ रुपए की सप्लाई का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट भी किया गया।
मनोज ने जनवरी 2025 में गुणवत्ता युक्त स्वेटरों की आपूर्ति कर्नाटक के विभिन्न जिलों में कर दी। मगर जब भुगतान की बारी आई तो राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन की कथित निदेशक अनिता उपाध्याय ने 5.29 करोड़ का चेक दिया, जो बैंक में बाउंस हो गया। जब व्यापारी ने भुगतान के लिए दोबारा संपर्क किया, तो पता चला कि संस्था पूरी तरह फर्जी थी और आरोपी मिल कर सुनियोजित तरीके से लोगों को ठगते आ रहे हैं।
पुलिस ने इस गंभीर मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। एफआईआर में सरकारी प्रतीकों के दुरुपयोग, फर्जी दस्तावेजों के निर्माण, अमानत में खयानत, और आपराधिक षड्यंत्र जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। पीड़ित का कहना है कि इस धोखाधड़ी के चलते उनका कारोबार बंद हो गया है। उन्होंने आरोपी से राशि की वसूली की मांग की है।