हल्दी वाला दूध काफी स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। हजारों साल से आयुर्वेद के कहने पर भारत में हल्दी वाला दूध पी रहे हैं। चोट-जख्म होने पर तो इसे पिलाया ही जाता है, क्योंकि यह एक नेचुरल पेन किलर की तरह काम करता है। इसके साथ ही शरीर और दिमाग को रिलैक्स कर देता है। रात में हल्दी वाला दूध पीने से ज्यादा फायदे मिलते हैं। क्योंकि हल्दी को बेहतर तरीके से काम करने का वक्त मिल जाता है। इस मसाले को गोल्डन स्पाइस कहा जाता है और इस वजह से हल्दी के दूध को गोल्डन मिल्क। यह आपके दिमाग को कई गुना तेज बना सकते हैं। इसके लिए आपको किसी दवा या टॉनिक लेने की जरूरत नहीं है। लेकिन लोगों को हल्दी वाला दूध बनाने का सही तरीका नहीं आता है। इस आर्टिकल में हम 2 ऐसी चीजों के बारे में जानेंगे जो हल्दी वाले दूध में डालनी चाहिए। इससे मस्तिष्क को ज्यादा फायदे मिलते हैं।
हल्दी में होता है करक्यूमिन
करक्यूमिन हल्दी का सबसे पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट है, जिसकी वजह से पीला रंग आता है। हल्दी के अधिकतर फायदों के पीछे यही मुख्य वजह होता है। जो सेल्स डैमेज से बचाता है और पूरे शरीर की कोशिकाओं को हेल्दी रखता है।
दिमाग होगा कई गुना तेज
ब्रेन फंक्शन के लिए हल्दी बढ़िया उपाय है। शोध के मुताबिक इसमें मस्तिष्क में मौजूद 86 अरब न्यूरोन का फंक्शन तेज करने की शक्ति है। यह अल्जाइमर जैसे ब्रेन डिसऑर्डर से बचाता है। जिसकी वजह से बुढ़ापे में याददाश्त कमजोर होने लगती है।
मूड रहेगा सही
करक्यूमिन को मूड सुधारने वाला भी पाया गया है। यह डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने और उनसे बचाव में प्रभावी है। न्यूरोन के कम फंक्शन की वजह से भी डिप्रेशन हो सकता है। इसलिए हल्दी दिमाग को दो तरफा फायदा देती है।
ऐसे बनाएं हल्दी वाला दूध
हल्दी वाले दूध में काली मिर्च का पाउडर और दालचीनी का पाउडर डालकर पीना चाहिए। काली मिर्च का पिपेरिन करक्यूमिन को एक्टिव बनाता है, वरना शरीर इसे पचा नहीं पाता। आइए दिमाग को दालचीनी से मिलने वाला फायदा जानते हैं।
दालचीनी से बढ़ेगा फायदा
दालचीनी डालने से हल्दी वाले दूध का असर बढ़ाया जा सकता है। कई सारे शोध में इसके अंदर हल्दी जैसा असर देखा गया है। यह दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले कंपाउंड को बढ़ने से रोकता है।