टोरंटो। कनाडा (Canada) जाने की चाह रखने वाले भारतीयों (Indians) को तगड़ा झटका लग सकता है। कनाडाई सरकार (Canadian Government) संसद में लंबित विधेयक के जरिए अस्थायी वीजा (Temporary Visa) को बड़े पैमाने पर रद्द करने की शक्ति चाहती है, जिसका इस्तेमाल भारत से आने वाले फर्जी आवेदनों को रोकने के लिए किया जा सकता है। एक रिपोर्ट में आईआरसीसी, सीबीएसए और अमेरिकी विभागों के हवाले यह बताया गया है। इस प्रावधान को भारत से अस्थायी वीजा आवेदकों की धोखाधड़ी को रोकने वाला कदम बताया गया है।
विधेयक में कहा गया कि महामारी या युद्ध के समय ढेर सारे वीजा एक साथ रद्द किए जा सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडाई अधिकारी इनमें से कुछ खास देशों के वीजा धारकों को निशाना बनाना चाहते हैं। अस्थायी निवासियों में काम करने वाले, विदेशी छात्र और घूमने आने वाले लोग शामिल होते हैं। यह नियम कनाडा की सीमाओं को मजबूत करने वाले कानून का हिस्सा बताया जा रहा है।
नए लोगों का आना कम करने का दबाव
इमिग्रेशन वकील सुमित सेन ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया था कि अगर लिबरल सरकार का स्ट्रॉन्ग बॉर्डर्स बिल पास हो गया, तो हजारों आवेदन एक झटके में रद्द हो सकते हैं, क्योंकि इससे मंत्री को बहुत बड़ी ताकत मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि 2007 में फाइलें इसलिए बंद की गईं ताकि पुरानी लंबित अर्जियों का बोझ हटाया जा सके। ये बात उन्होंने तब कही जब अर्जियों को मंजूरी देने में बहुत देरी हो रही है – जैसे स्टार्टअप वीजा के तहत उद्यमियों को 35 साल (420 महीने) तक इंतजार करना पड़ जाता है। अभी कनाडा सरकार नए लोगों का आना कम करना चाहती है, चाहे वो स्थायी रहने वाले हों या अस्थायी। इससे भारतीयों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है।
74% भारतीय छात्रों के स्टडी परमिट रिजेक्ट
रविवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2025 में 74% भारतीय छात्रों के स्टडी परमिट रिजेक्ट हो गए जबकि 2023 के अगस्त में सिर्फ 32% ही रिजेक्ट हुए थे। यानी अब भारत से पढ़ाई के लिए कनाडा जाना बहुत मुश्किल हो गया है। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की सरकार इस महीने अपनी आप्रवासन स्तर योजना पेश करने वाली है। देश में बढ़ते आप्रवासन-विरोधी भावना के कारण सरकार पर नए लोगों की संख्या कम करने का दबाव है।
