इस चमत्कारी मंदिर में बलि देने के कुछ समय बाद ही जिंदा हो जाता है बकरा, मुगलों ने भी किया था आक्रमण

देशभर में कई ऐसे मंदिर हैं, जो अपने चमत्कार और रहस्य के लिए प्रसिद्ध हैं. देश के कुछ हिस्सों में मां काली और मां के रौद्र रूपों पर पशु बलि देना शुरू हो जाता है, लेकिन बिहार में कैमूर जिले में स्थित 51 शक्तिपीठ में से एक मुंडेश्वरी भवानी शक्तिपीठ में अनोखे तरीके से बलि…

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करवाचौथ पर कैसे हुई सरगी की शुरूआत, इसको खाने के क्या होते है नियम

धर्म,  करवाचौथ का व्रत सभी सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिये करती हैं. इस दिन कई राज्यों में सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सरगी देने की परंपरा होती है. ये परंपरा आदिकाल से चलती आ रही है. करवाचौथ पर सरगी की परंपरा और इसके नियम बहुत ही खास और भावनात्मक…

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क्या आपने घर की दहलीज पर लगाई है नरसिंह भगवान की तस्वीर?

घर की दहलीज यानी मुख्य दरवाजे की चौखट पर भगवान नरसिंह की तस्वीर लगाना सिर्फ एक धार्मिक रिवाज नहीं है, बल्कि यह जीवन में सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा लाने का एक उपाय भी माना जाता है. भगवान नरसिंह, जो भगवान विष्णु के अवतार हैं, ने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए हिरण्यकश्यप का वध किया…

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4 शुभ योग में पापा कल्प कुशा, धन और सुख-समृद्धि के लिए जरूर करें ये 3 काम, श्रीहरि की कृपा

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकदाशी तिथि को पापांकुशा एकादशी कहा जाता है और इस बार यह शुभ तिथि 3 अक्टूबर दिन शुक्रवार को पड़ रही है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है, जो साधकों को धन, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का आशीर्वाद देती है. पापांकुशा एकादशी…

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दशहरे पर इस प्रकार करें शस्त्र पूजन

अश्विन माह के शुक्ल पक्ष में दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है। दशहरे पर शस्त्र पूजन भी किया जाता है। रावण पर भगवान राम की जीत को याद करते हुए, शस्त्रों की पूजा की जाती है। यह अनुष्ठान युद्ध और संघर्ष में विजय प्राप्त करने के लिए भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करने का एक…

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अक्टूबर माह में पड़ रहे व्रत और त्यौहार

सनातन धर्म में व्रत-त्याहारों के लिहाज से इस बार अक्टूबर में काफी व्रत और त्यौहार पड़ रहे हैं। इसी माह दशहरा, दिवाली और करवा चौथ से लेकर छठ महापर्व तक कई प्रमुख त्यौहार और व्रत मनाए जाते हैं। इस महीने में अश्विन माह का समापन होता है और कार्तिक मास की शुरुआत हो जाती है। …

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मंदिरों में नहीं इस तरह के भक्तों के पास रहते हैं भगवान

किसी भी वस्तु की चेतनता की पहचान इच्छा, क्रिया अथवा अनुभूति के होने से होती है। अगर किसी वस्तु में ये तीनों नहीं होते हैं, तो उसे जड़ वस्तु कहते हैं और इन तीनों के होने से उसे चेतन वस्तु कहते हैं। मनुष्य में इन तीनों गुणओं के होने से उसे चेतन कहते हैं। मनुष्य…

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भगवान शिव से सीखें आत्म नियंत्रण

भगवान शिव की जिंदगी के हर पहलू से कुछ न कुछ सीखा जा सकता है लेकिन यहां हम कुछ उनसे जुड़ी कुछ ऐसी बातों का जिक्र कर रहे हैं। जिन्हें, कोई व्यक्ति अपनी जिंदगी में आत्मसात करते है तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।रखें आत्म नियंत्रण : भगवान शिव शांत भी…

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नवरात्रि: शक्ति से जुड़ने का पावन उत्सव

एक शिशु माँ को जानने और समझने का प्रयास नहीं करता, वह सहज रूप से माँ पर विश्वास करता है. इसी तरह जब हम भोले भाव से दैवी शक्ति में श्रद्धा रखते हैं, तो यह हमारे जीवन में असीम बल का स्रोत बन जाती है. सर्वव्यापी ब्रह्मांडीय ऊर्जा ही संपूर्ण जगत की जननी है, जल…

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क्या आप जानते हैं रावण के 10 सिरों का मतलब? जानिए हर सिर से जुड़ी बुराई और इसके संकेत

हर साल जब दशहरा आता है, तो पूरे देश में रावण के पुतलों का दहन किया जाता है. यह परंपरा केवल राम की जीत का उत्सव नहीं है, बल्कि रावण की उन बुराइयों को मिटाने का प्रतीक है जो समाज और व्यक्ति दोनों के लिए हानिकारक हैं. इस बार दशहरा 2 अक्तूबर 2025 को मनाया…

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