90 डिग्री ब्रिज की योजना में बदलाव, इंदौर विकास प्राधिकरण ने किया निर्णय

इंदौर। भोपाल का 90 डिग्री एंगल का ब्रिज देशभर में अपनी खराब इंजीनियरिंग के लिए चर्चित हो रहा है। इस तरह का ब्रिज इंदौर के एमआर-12 रोड पर भी बनने वाला था, लेकिन इंदौर विकास प्राधिकरण ने ड्राइंग डिजाइन में जमीन नहीं होने पर ब्रिज पर मोड़ आते ही गेंद नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के पाले में डाल दी और अलाइनमेंट में संशोधन की प्रक्रिया शुरू कराई। दरअसल 200 मीटर चौड़ी रोड पर विभाग ने काॅलोनियों के अभिन्यास मंजूर कर लिए थे, हालांकि अब  इंदौर विकास प्राधिकरण के बजाए लोक निर्माण विभाग थ्रीलेन ब्रिज बना रहा है। ब्रिज के निर्माण का भूमिपूजन पिछले दिनों मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया है।

इंदौर विकास प्राधिकरण उज्जैन रोड को बाइपास से जोड़ने के लिए एमआर-12 का निर्माण कर रहा है। इस मार्ग पर दो बड़े ब्रिज बनना है। पहले रेलवे क्रासिंग पर प्राधिकरण ब्रिज बना रहा था। जमीन के हिसाब से इसकी डिजाइन तैयार की गई तो ब्रिज के मध्य हिस्से में बड़ा मोड़ डिजाइन में था,क्योकि ब्रिज के लिए पर्याप्त जमीन नहीं थी। उधर लोक निर्माण विभाग ने भी रेलवे क्रासिंग पर ब्रिज बनाने का फैसला लिया और टेंडर भी जारी कर दिए। उनकी डिजाइन में यह परेशानी इसलिए नहीं आई,क्योकि लोक निर्माण विभाग तीन लेन ब्रिज बना रहा है, लेकिन भविष्य में यदि ब्रिज की चौड़ाई बढ़ती है तो भी भोपाल जैसा ब्रिज नहीं बनेगा। यह ब्रिज दो साल में पूरा होगा। इसके निर्माण पर 32 करोड़ रुपये खर्च होंगे।