शहर का प्रशासनिक अमला प्रदेश के मुखिया का भी नहीं सुनता है, आवारा मवेशियों को लेकर दिए गए निर्देश को देखकर तो यही लगता है। मंगलवार को ही सीएम विष्णुदेव साय ने बैठक लेकर अधिकारियों को इस समस्या के समाधान के निर्देश दिए। इस निर्देश पर बुधवार को अमल नहीं हुआ। पत्रिका टीम ने शहर के कुछ प्रमुख इलाकों का जायजा लिया।
कई इलाकों में पहले की तरह मवेशीराज कायम रहा। जगह-जगह गाय समेत अन्य मवेशी बीच सड़क या किनारे बैठे नजर आए। वहां से गुजरने वालों को उनसे टकराने की आशंका और बार-बार ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हुई। नगर निगम की टीम ने इन मवेशियों को गोठान या सुरक्षित स्थानों पर नहीं पहुंचाया।
रायपुर के इन इलाकों में लगा रहा जमावड़ा नहीं रखा जा रहा गोठानों में
रायपुर जिले में अधिकांश गोठानों को शासन की ओर से विशेष अनुदान दिया जाता है। इसके बावजूद इन गोठानों में घुमंतू मवेशियों को नहीं रखा जा रहा है। यही कारण है कि बड़ी संया में मवेशी सड़कों पर नजर आ रहे हैं।राजधानी के पुरानी बस्ती, लाखे नगर, कैनाल रोड, वीआईपी रोड, जीई रोड, शंकर नगर, विधानसभा रोड आदि इलाकों में दिनभर मवेशियों का जमावड़ा लगा रहा। दरअसल बारिश में कीचड़ से बचने और सूखे स्थान की तलाश में मवेशी सड़कों पर बैठ जाते हैं। नगर निगम की टीम दिनभर नदारद रही।

 
			 
			 
			 
			