नई दिल्ली: भारतीय सेना ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है कि चीन, पाकिस्तान की ज़मीन का उपयोग एक 'लाइव लैब' यानी प्रयोगशाला की तरह कर रहा था। यह खुलासा भारत की खुफिया एजेंसियों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत हुआ, जिसमें चीन-पाकिस्तान के बीच चल रही जैविक हथियारों की गुप्त गतिविधियों का पर्दाफाश किया गया।
सेना के अनुसार, चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर ऐसे जैविक प्रयोग कर रहा था जो भविष्य में भारत के खिलाफ जैविक युद्ध छेड़ने की योजना का हिस्सा हो सकते थे। पाकिस्तान में कुछ विशेष लैब्स और क्षेत्रीय संस्थानों का इस्तेमाल खतरनाक वायरस और जैविक तत्वों के परीक्षण के लिए किया जा रहा था।
सेना के अधिकारियों ने बताया कि चीन अपने खुद के नागरिक इलाकों में इस तरह के खतरनाक प्रयोग नहीं कर सकता, इसलिए उसने पाकिस्तान को प्रयोगशाला के रूप में इस्तेमाल करना शुरू किया। इसके तहत जैविक वायरस के ट्रायल और प्रभावों का परीक्षण किया जा रहा था।
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय खुफिया एजेंसियों का एक सामरिक अभियान था, जिसका उद्देश्य इस गुप्त गठबंधन की रणनीति को उजागर करना था। सेना ने इस अभियान के तहत चीन और पाकिस्तान के बीच हो रहे डेटा ट्रांसफर, सैन्य-अनुसंधान और जैविक गतिविधियों से जुड़े अहम दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं।
भारतीय सेना ने इस पूरी स्थिति को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद गंभीर बताया है और सरकार को सतर्क कर दिया गया है। इस खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा क्षेत्रों में निगरानी और जैविक सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया है।
यह ऑपरेशन सिर्फ एक सैन्य मिशन नहीं था, बल्कि यह राष्ट्र की सुरक्षा और जैविक अस्त्रों के खिलाफ एक प्री-एंप्टिव डिफेंस का उदाहरण है। भारत अब इस विषय को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उठाने की तैयारी कर रहा है।