भोपाल : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, मध्यप्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं जिला प्रशासन शाजापुर के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को गांधी हॉल, शाजापुर में बाल अधिकारों से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती पायल शर्मा, डिवीजन हेड, NCPCR एवं आयोग की विधिक सलाहकार रहीं है।
श्रीमती शर्मा ने कहा कि बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की सामूहिक जिम्मेदारी है। हमें ऐसा माहौल बनाना होगा जहाँ हर बच्चा भयमुक्त, सम्मानजनक और सुरक्षित वातावरण में अपना बचपन जी सके।उन्होंने विद्यालयों और परिवारों में संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया तथा बाल संरक्षण से जुड़ी नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता बताई।
कार्यशाला के पहले सत्र में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सहायक संचालक डॉ. राहुल दुबे ने विद्यालयों में बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण विषय पर प्रशिक्षण दिया। उन्होंने जुवेनाइल जस्टिस (JJ) अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी देते हुए “बटरफ्लाई इफेक्ट” के माध्यम से समझाया कि बचपन की छोटी-छोटी घटनाएँ भविष्य को किस प्रकार प्रभावित कर सकती हैं। उन्होंने बाल मनोविज्ञान, संवेदनशीलता और विभिन्न हितधारकों की भूमिका पर विस्तृत चर्चा की।
दूसरे सत्र में शुभांकर चौधरी, विधिक सलाहकार, NCPCR ने प्रतिभागियों को बाल श्रम और श्रम कानूनों से संबंधित प्रावधानों की जानकारी दी तथा बच्चों के शोषण को रोकने में कानूनी जागरूकता की भूमिका पर जोर दिया। कलेक्टर सुऋजु बाफना ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ जिला स्तर पर बाल संरक्षण के प्रयासों को और मजबूत करती हैं तथा शिक्षकों व अधिकारियों को व्यवहारिक दिशा प्रदान करती हैं। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, विद्यालयों में सुरक्षा मानकों को सुदृढ़ करना तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए संवेदनशील वातावरण तैयार करना रहा। कार्यशाला में जिले के विद्यालयों के प्राचार्य, स्वयंसेवी संस्थाओं (NGOs) के प्रतिनिधि, बाल संरक्षण अधिकारी एवं बड़ी संख्या में हितधारक शामिल हुए।
