भोपाल | मध्य प्रदेश के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार रहा. कांग्रेस ने VIT यूनिवर्सिटी भोपाल में बच्चों को दूषित खाना और पानी देने का मुद्दा सदन में उठाया. महिदपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक दिनेश जैन ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत मुद्दा उठाया. वहीं तराना विधायक महेश परमार ने भी विश्वविद्यालय में अनियमितताओं को लेकर प्रश्न किए. इसके साथ ही न्यायिक जांच की मांग की है |
हेमंत कटारे ने GEN-Z आंदोलन बताया
मीडिया से बात करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि ये एक गंभीर विषय है, इसे जेन-जी आंदोलन की तरह देखा जा रहा है. वहां पर हनुमान जी का नाम लेने पर कार्रवाई हो रही है. एक ऐसा किला बना रखा है कि जिसे कोई भेद नहीं सकता है. उच्च शिक्षा मंत्री ने भी स्वीकारा कि शासन-प्रशासन के लोग भी अंदर नहीं जा सके. सदन में मंत्री ने कहा कि CMHO को 2.30 घंटे बाहर बैठाकर रखा गया और अंदर घुसने नहीं दिया गया. बच्चों को कई वर्षों से दूषित पानी और गंदा खाना खिलाया जा रहा है, इस वजह से बच्चे बीमार हो रहे हैं. कई बच्चे इससे प्रभावित हुए, बच्चों को पीलिया हुआ |
उन्होंने आगे कहा कि मैंने उच्च शिक्षा मंत्री से मांग की है कि VIT भोपाल के नाम से यूनिवर्सिटी चल रही है, 100 किमी दूर जो डिग्री दे रहा है, ये फर्जीवाड़ा चल रहा है. एक अन्य प्रकरण है जिसमें सामने आया है कि बच्चों की अनुमति के बिना ब्लड और यूरिन के सैंपल लिए गए, ये पूरी तरह मानवाधिकार के खिलाफ है. मैंने राज्य सरकार और मंत्री से मांग की है कि बिल्डिंग को ध्वस्त किया जाना चाहिए. धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए सभी डायरेक्टर्स पर FIR होनी चाहिए. तीन हजार बच्चों पर दर्ज कार्रवाई को निरस्त किया जाना चाहिए |
सख्त कार्रवाई की जाएगी- उच्च शिक्षा मंत्री
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि यूनिवर्सिटी को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. इसका उद्देश्य ही यह है कि राज्य सरकार जरूरत होने पर विश्वविद्यालय को अपने नियंत्रण में लेकर कठोर कार्रवाई कर सकती है. कैबिनेट मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि अब तक किसी विश्वविद्यालय के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई नहीं हुई होगी, जैसी इस मामले में की जाएगी |
