नई दिल्ली। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा कर कहा कि पाकिस्तान के साथ सीजफायर के बाद, बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने कहा था कि पहलगाम के शहीदों की विधवाओं में वीरांगना जैसा जज्बा नहीं दिखा, इसलिए वे हाथ जोड़कर खड़ी रहीं। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि बीजेपी सांसद का यह रुख महिलाओं और उनके दुःख के प्रति आपकी (सरकार) संवेदनशीलता या उसकी कमी को दिखाता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आप इसतरह के लोगों को अपनी पार्टी से कान पकड़ कर बाहर क्यों नहीं निकालते?
राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान खरगे ने कहा कि आज जवाहर लाल नेहरू पर ये टिप्पणी कर रहे। कभी जब ये बच्चे थे, तब कहते थे चाचा नेहरू आए। खरगे ने केंद्र पर टारगेट कर कहा कि आपने सिर्फ झूठ के कारखाने बनाए। लोग आपकी बातों पर भरोसा नहीं करने वाले है। आपको सच बोलना चाहिए। मोदी सरकार सच सुनने का साहस दिखाए। आप बिना बुलाए गले जाकर मिलते हैं।
खरगे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधकर कहा कि आखिर पहलगाम में आतंकी कैसे आए, क्या गृह मंत्री की जिम्मेदारी नहीं बनती। सभी 1 और 2 नंबर से डरते हैं। एलजी मनोज सिन्हा ने जिम्मेदारी ली। एलजी ने माना कि हमला सुरक्षा चूक से हुई। सुरक्षा तंत्र फेल हुआ था, तब जिम्मेदारी कब तय होगी। क्या एलजी ने गृह मंत्री को बचाने के लिए ये जिम्मेदारी स्वीकार की।
राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करते हुए खरगे ने कहा कि कांग्रेस को सेना पर गर्व है। सेना के शौर्य और बहादुरी को सलाम है। लेकिन मोदी सरकार जिम्मेदारी से भाग रही है। जिम्मेदार लोगों पर प्रधानमंत्री मोदी को एक्शन लेना चाहिए। इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश को आजादी दी। ऑपरेशन सिंदूर पर देश हित में सरकार का सपोर्ट किया। विपक्ष के लेटर कूड़े में फेंक दिए जाते हैं। हम सर्वदलीय बैठक में गए लेकिन प्रधानमंत्री नहीं आए। तीन आतंकी मारे गए बाकी कहां छिपे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का मोदी सरकार पर तंज….सच सुनने का साहस दिखाएं
