कांग्रेस ने सरदार पटेल को इतिहास से मिटाने की कोशिश की

नई दिल्ली। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने सरदार पटेल को इतिहास से मिटाने की कोशिश की और यहां तक कि कांग्रेस ने मोदी सरकार द्वारा सरदार पटेल के स्मारक के रूप में निर्मित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की लागत और जरुरत पर भी सवाल उठाया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नड्डा ने अटलदरा गांव में ‘सरदार एट द रेट ऑफ 150 यूनिटी मार्च’ के दौरान सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती थी कि सरदार पटेल को याद किया जाए। उन्होंने कहा कि देश के प्रथम पीएम जवाहरलाल नेहरू ने अपनी नीतियों से कश्मीर मुद्दे को बिगड़ने दिया, जबकि सरदार पटेल ने आजादी के बाद 562 रियासतों का सफलतापूर्वक देश में विलय किया।
नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया कि भारत के लौह पुरुष का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज न हो। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का निधन 1950 में हुआ था, लेकिन उन्हें 1991 में ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने सरदार पटेल को सच्चे अर्थों में याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी, लेकिन जब मोदी ने पटेल को श्रद्धांजलि स्वरूप गुजरात के नर्मदा जिले में दुनिया की सबसे ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ बनाने का फैसला किया, तो कांग्रेस ने इसकी लागत पर सवाल उठाए।
नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने पूछा कि इतना पैसा क्यों खर्च किया जा रहा है और जब सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई, तो कांग्रेस ने सवाल उठाया कि इससे क्या हासिल होगा। नडडा ने कहा कि सरदार पटेल ने 562 रियासतों का एकीकरण किया था, जबकि तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर पर फैसला लेंगे। नड्डा ने कहा कि और नेहरूजी ने क्या फैसला किया? अनुच्छेद 370 देश की एकता और अखंडता के लिए एक बड़ा संकट बन गया।