क्रिकेट में बदला समीकरण, 2025 बना नए चैंपियन्स का साल – चार टीमों ने रचा इतिहास

साल 2025 क्रिकेट की दुनिया में उस 'रीसेट बटन' की तरह रहा, जिसने कई टीमों की किस्मत पलट दी। लंबे इंतजार और अधूरे सपनों के सिलसिले को खत्म करते हुए इस साल चार अलग-अलग टूर्नामेंट्स में नए चैंपियन्स उभरे। बिग बैश लीग में हॉबार्ट हरिकेन्स (BBL), आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (IPL), विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में दक्षिण अफ्रीका (WTC) और महिला वनडे विश्व कप में भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया और पहली बार खिताब जीता। यह वो साल रहा जब मेहनत, उम्मीद और इतिहास, सबने मिलकर नए चैंपियन्स का अध्याय लिखा।

हॉबार्ट हरिकेन्स: आखिरकार BBL ट्रॉफी जीतने में रहे कामयाब

बिग बैश लीग (BBL) में हॉबार्ट हरिकेन्स ने वर्षों की निराशा खत्म की। 2013-14 और 2017-18 में फाइनल हारने वाली टीम ने आखिरकार 2025 में जीत का स्वाद चखा। टिम डेविड और मिचेल ओवेन की जोड़ी ने बल्लेबाजी ने कमाल दिखाया, जबकि कप्तान नाथन एलिस ने गेंदबाजी में कमाल दिखाया। वहीं, मैथ्यू वेड ने अनुभव से इतिहास रच दिया।

आईपीएल वो सीजन था जिसका इंतजार न सिर्फ बेंगलुरु बल्कि पूरी दुनिया के क्रिकेट फैंस को था। वर्षों की ट्रोलिंग, 'ई साल कप नामदे' वाले मीम्स के बीच आरसीबी ने आखिरकार कप अपने नाम किया। रजत पाटीदार की बेहतरीन कप्तानी, विराट कोहली का जोश, हेजलवुड की सधी हुई गेंदबाजी और फिल सॉल्ट की धमाकेदार बल्लेबाजी ने टीम को पहला आईपीएल खिताब दिलाया।

दक्षिण अफ्रीका: पहला आईसीसी खिताब जीतने का सपना हुआ पूरा

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) में दक्षिण अफ्रीका ने इतिहास रचा। कभी ‘चोकर्स’ कहे जाने वाली इस टीम ने इंग्लैंड को हराकर पहली बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल या यूं कहें पहला आईसीसी खिताब जीता। कप्तान तेम्बा बावुमा की शांति और कगिसो रबाडा की आक्रामकता ने दक्षिण अफ्रीका को टेस्ट की दुनिया में शीर्ष पर पहुंचाया। यह जीत उस पीढ़ी को समर्पित रही जिसने हमेशा हार में भी उम्मीद नहीं छोड़ी।

और फिर आया सबसे भावनात्मक पल…भारत महिला क्रिकेट टीम ने 2025 में अपना पहला वनडे विश्व कप या यूं कहें पहला आईसीसी खिताब जीता। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर इतिहास रचा। शेफाली वर्मा, दीप्ति शर्मा और जेमिमा रॉड्रिग्स की शानदार परफॉर्मेंस ने करोड़ों दिल जीत लिए। यह सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि महिला क्रिकेट की पहचान का नया अध्याय था।