CY25 H1: कुल बिक्री धीमी, लेकिन टियर‑1 शहरों में ₹3.6 लाख करोड़ की रिकॉर्ड बिक्री—9% वृद्धि

व्यापार : भारत के आवासीय परियोजनाओं में कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली छमाही में मंदी देखी गई है। कन्फेडरेशन ऑफ एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार पहली छमाही में शुरू की गई इकाइयों की संख्या लगभग 2.6 लाख तक गिर गई है। वहीं पिछले साल इसी अवधि के दौरान यह तीन लाख इकाइयां थी। यह लगभग पांच प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है। साथ ही बाजार की गतिशीलता के बीच डेवलपर्स द्वारा अधिक सतर्क दृष्टिकोण अपनाने का संकेत देता है। 

टियर 1 शहरों में आवास बिक्री में 9 प्रतिशत की वृद्धि

पहली छमाही में अखिल भारतीय बाजार के प्रदर्शन के आंकड़ों से पता चलता है कि देश के टियर 1 शहरों में लगभग 3.6 लाख करोड़ रुपये मूल्य की आवास बिक्री दर्ज की गई। यह वर्ष 2024 की पहली छमाही के 3.3 लाख करोड़ रुपये से 9 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। 

किन शहरों ने कैसा किया प्रदर्शन?

  • क्रेडाई की इंडिया हाउसिंग रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र  (एनसीआर) ने अपनी स्थिति मजबूत की है। इस दौरान इसका राजस्व 23 प्रतिशत से बढ़कर 26 प्रतिशत हो गया है। 
  • एनसीआर में 3 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाले लग्जरी फ्लैटों की बिक्री मूल्य में 73 प्रतिशत हिस्सेदारी रही, जबकि सिर्फ 25,000 फ्लैट ही बिके।
  • मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) 23 प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर रहा। यहां बिक्री मूल्य में 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और 75,000 फ्लैट बिके, जबकि औसत टिकट आकार में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • इसके विपरीत, हैदराबाद की राजस्व बाजार हिस्सेदारी में उल्लेखनीय गिरावट आई। यह वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में 21 प्रतिशत से वर्ष 2025 की पहली छमाही में मात्र 16 प्रतिशत रह गई।
  • दक्षिण में, चेन्नई ने बेहतर प्रदर्शन किया। यहां 11,000 इकाइयों की बिक्री के साथ बिक्री मूल्य में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई और औसत टिकट आकार में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई। चेन्नई में नए लॉन्च 14,000 से बढ़कर 19,000 इकाई हो गए। हालांकि 70 लाख रुपये से कम कीमत वाले घरों की बाजार हिस्सेदारी 23 प्रतिशत से घटकर 17 प्रतिशत रह गई।
  • बंगलूरू में बिक्री मूल्य में 4 प्रतिशत की वृद्धि और 30,000 इकाइयों की बिक्री के साथ स्थिर वृद्धि जारी रही। इसे टिकट आकार में 17 प्रतिशत की वृद्धि से बल मिला। हालांकि, 70 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपये के बीच कीमत वाले घरों की हिस्सेदारी 38 प्रतिशत से घटकर 32 प्रतिशत रह गई।
  • हैदराबाद में बिक्री मूल्य में मामूली 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं बेची गई इकाइयों में 11 प्रतिशत की गिरावट (30,000 इकाइयां) देखी गई, लेकिन नए लॉन्च की संख्या 23,000 से दोगुनी होकर 42,000 इकाई हो गई।

औसत टिकट आकार में हो रही वृद्धि

इस बीच, सकारात्मक पहलू यह है कि बेचे गए घरों का औसत टिकट आकार तेजी से बढ़ा है। आंकड़ों से पता चलता है कि औसत टिकट आकार CY23 की दूसरी छमाही में 1.13 करोड़ रुपये से बढ़कर CY25 की पहली छमाही में 1.42 करोड़ रुपये हो गया। यह दर्शाता है कि धीमी बिक्री के बावजूद डेवेलपर्स भविष्य को लेकर आशावादी हैं।