बलूचिस्तान में जंग का ऐलान, ISKP ने बलूचों को दी खुली चुनौती

इस्‍लामाबाद: बलूचिस्‍तान में बलूच विद्रोहियों के खिलाफ लगातार फेल साबित हो रही पाकिस्‍तान की सेना ने अब नई चाल चली है. पाकिस्‍तानी सेना से ट्रेनिंग प्राप्‍त इस्‍लामिक स्‍टेट खोरासान प्रांत (ISKP) के आतंक‍ियों ने बलूच संगठनों BLA और BLAF के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है. पाकिस्‍तान दावा करता है कि वह अपनी जमीन पर आतंक‍ी गुटों को शरण नहीं देता है, लेकिन ISKP के आतंकी बलूच जनता और कार्यकर्ताओं को डरा रहे हैं. इससे पहले बलूचों ने ISKP के ठिकाने पर जोरदार हमला बोला था. ISKP आतंकियों को पाकिस्‍तानी सेना पाल रही है ताकि तालिबानी सरकार पर दबाव बनाया जाए. ISKP के आतंकी अफगानिस्‍तान में लगातार हमले कर रहे हैं.

एक रिपोर्ट के मुताबिक ISKP ने एक 117 पेज का बुकलेट जारी किया है और दावा किया है कि बलूच कार्यकर्ता 'इस्‍लाम के नियम के खिलाफ' हैं. इस बुकलेट के पहले पन्‍ने पर पश्‍तून तहाफुज आंदोलन के मंजूर पश्‍तीन और बलूचिस्‍तान लिबरेशन आर्मी के बशीर जेब और एक बिना चेहरे वाली महिला की तस्‍वीर ISKP ने छापी है. माना जा रहा है कि ISKP का इशारा डॉक्‍टर महरंग बलोच की ओर है जो पाकिस्‍तानी सेना के खिलाफ अहिंसक आंदोलन छेड़े हुए हैं. बलोच शेरनी महरंग बलोच को पाकिस्‍तानी सेना ने 22 मार्च से जबरन जेल में डाल रखा है. पाकिस्‍तान की अदालतें भी सेना के साथ खड़ी हैं और महरंग बलोच को जमानत नहीं दे रही हैं.

महरंग बलोच को काफिर बताया
ISKP ने अपने बुकलेट में महरंग बलोच को 'काफिर' करार दिया गया है. काफिर उसे कहा जाता है जिसने इस्‍लाम को छोड़ दिया हो और गैर मुस्लिम बन गया हो. बलूचों का कहना है कि ISKP के आतंकी ठीक वही भाषा बोल रहे हैं जिसे पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी ISI बढ़ावा देती है. ये अब बलूच कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने जा रहे हैं. ISIS और ISI के सदस्‍य बलूच कार्यकर्ताओं को उग्रवादियों का उदार चेहरा बताते हैं. बलूचों का कहना है कि लोगों में बलूच जनता के खिलाफ बढ़ रहे अत्‍याचार को लेकर जन जागरुकता बढ़ रही है और इसी वजह से ISI का इस्‍तेमाल किया जा रहा है.

बलूचों का कहना है कि लोगों को ISI गायब करवा रही है ताकि बलूच‍ विद्रोहियों को सरेंडर के लिए मजबूर किया जा सके. पाकिस्‍तान की सरकार बलूचों के विरोध को ताकत के बल पर कुचलना चाहती है. इसके बाद भी बलूच कार्यकर्ता झुकने के लिए तैयार नहीं हैं. बलूचों का कहना है कि पाकिस्‍तानी सरकार के दमन के खिलाफ जैसे-जैसे लोगों में विरोध बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ISI अपनी रणनीति को बदल रही है. ISI वैश्विक आलोचना से बचने के लिए अब बलूचिस्‍तान लिबरेशन फ्रंट और बलूचिस्‍तान लिबरेशन आर्मी के खिलाफ ISIS के आतंकियों का इस्‍तेमाल करने जा रही है. इससे ISI अब किसी बड़े क्रूर हमले में जिम्‍मेदार नहीं ठहराई जा सकेगी.

बलोच भारत से मांग रहे मदद
ISKP के हमले के डर से बलूचों को बलूचिस्‍तान में अपनी रैलियों को रद करना पड़ा है. सभी बलूच नेताओं को हत्‍या का डर सता रहा है. हाल ही में बलूचिस्‍तान नैशनल पार्टी के एक रैली में आत्‍मघाती हमला हुआ था. इस रैली में बलूच नेता महरंग बलोच की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे. ISI बलूचों को बदनाम करने के लिए आरोप लगा रही है. बलूच नेताओं के परिवारों को प्रताड़‍ित किया जा रहा है. आतंकवाद निरोधक कानून का बेजा इस्‍तेमाल किया जा रहा है. इस बुकलेट से साफ हो गया है कि पाकिस्‍तानी सेना और आईएस आतंकियों के बीच सीधा संबंध है. इससे आने वाले समय में पाकिस्‍तान के लिए और मुसीबत बढ़ सकती है जो पहले ही भारत में सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए दुनिया के निशाने पर है. बलोच भारत के दोस्‍त रहे हैं और अपनी आजादी की लड़ाई में हिंदुस्‍तान से मदद मांग रहे हैं. भारत भी बलूचों के प्रति सहानुभूत‍ि रखता है. अमेरिका के पूर्व विशेष दूत जल्‍मे खलिलजाद ने पिछले दिनों कहा था कि ISKP के आतंकी कैंप पाकिस्‍तान में हैं. ऐसी खबरें हैं कि मध्‍य मार्च में बलूचों ने आईएस के कैंप पर बलूचिस्‍तान के मस्‍टंग जिले में हमला करके उसे तबाह कर दिया था. इसमें ISKP के 30 आतंकी मारे गए थे. इसमें भारत, तुर्की, ताजिकिस्‍तान और उज्‍बेकिस्‍तान के भी नागरिक शामिल थे.

चीन और भारत में लड़ाई करा सकती है ISI
इससे ISKP के साथ ISI को भी बड़ा झटका लगा था जो इन आतंक‍ियों को पाले हुए थी. वहीं TTP के प्रवक्‍ता एहसानउल्‍लाह एहसान ने भी एक लेख में खुलासा किया है कि पाकिस्‍तानी सेना भारत और चीन के बीच युद्ध जैसे हालात को भड़काना चाहती है. इसके लिए पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी भारत और चीन की सीमा पर हमले करवा सकती है और इसके लिए भारत पर आरोप लगा सकती है. पाकिस्‍तान ने ISKP का इस्‍तेमाल अफगानिस्‍तान की तालिबान सरकार के खिलाफ किया है.