नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज इरफान पठान ने अपने करियर के शुरुआती दौर में ही सनसनी मचा दी थी। स्विंग गेंदबाजी से तबाही मचाने के साथ-साथ इरफान ने बल्लेबाजी में भी कमाल दिखाना शुरू कर दिया था। ऐसे में कोच ग्रेग चैपल के मार्गदर्शन में इरफान ऑलराउंडर बनने की राह पर चल पड़े। शुरुआत में इरफान की बैटिंग और बॉलिंग दोनों ही जबरदस्त रही, लेकिन धीरे-धीरे उनकी गेंदबाजी की धार कम होने लगी।
इसी दौरान भारतीय टीम में ग्रेग चैपल और सीनियर खिलाड़ियों के बीच मतभेद ने उथल-पुथल मचा दिया। ऐसे में साल 2007 में टीम इंडिया एक बड़े बदलाव के दौर से गुजरी। महेंद्र सिंह धोनी को टी20 फॉर्मेट का कप्तान बनाया गया। कुछ समय बाद ग्रेग चैपल की टीम इंडिया से विदाई हो गई और गैरी कर्स्टन नए कोच बने। भारतीय टीम में उन दिनों तेजी से सब कुछ बदल रहा था और इसी बदलाव में इरफान पठान धीरे-धीरे ओझल हो गए। वहीं अब इरफान ने उन बातों से पर्दा उठाया है, जिसके कारण टीम इंडिया से वह बाहर किए गए और और उनका करियर थम सा गया।
शानदार जीत के बाद ड्रॉप हुए थ इरफान
इरफान पठान ने हाल ही में एक इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में उन्होंने अपने उतार-चढ़ाव भरे करियर को लेकर विस्तार से बातचीत की। उन्होंने उस घटना का भी जिक्र किया जब श्रीलंका के खिलाफ जबरदस्त खेल दिखाने के बावजूद उन्होंने साल 2009 में न्यूजीलैंड दौरे पर ड्रॉप किया गया। उस समय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे। इरफान ने कहा, 'यह 2009 की बात है जब हम न्यूजीलैंड में थे। उससे पहले मेरे भाई युसूफ पठान और मैंने श्रीलंका में मैच जीते थे। जिस तरह की स्थिति में हमने जीत हासिल की थी अगर हमारी जगह कोई और होता तो उसे एक साल के लिए टीम से बाहर नहीं किया जाता।'
उन्होंने कहा, 'न्यूजीलैंड में मुझे पहले, दूसरे और तीसरे मैच में बेंच पर बैठाया गया। चौथा मैच बारिश के कारण ड्रॉ हो गया। मैं आखिरी मैच में भी नहीं था। फिर मैंने कोच से पूछा कि मुझे क्यों बाहर किया गया है। अगर मुझे कुछ सुधार करने की जरूरत है तो वह मुझे बता सकते हैं, लेकिन मैं बाहर किए जाने का कारण जानना चाहता था।'
गैरी कर्स्टन बताए हैरान करने वाला कारण
इरफान पठान के मन में टीम से बाहर किए जाने की एक टीस थी। ऐसे में कोच कर्स्टन ने उन्हें जो कारण बताए उससे उन्हें और भी दुख हुआ। इरफान को पता चल गया कि उन्हें टीम से ड्रॉप किए जाने के पीछे किसका फैसला था। पठान ने कहा, 'कर्स्टन ने मुझे दो कारण बताए। उन्होंने कहा कि कुछ चीजें मेरे हाथ में नहीं हैं।' गैरी के ठीक यही शब्द थे। मैंने पूछा कि यह किसके हाथ में है, लेकिन उन्होंने मुझे नहीं बताया। मैं पहले से ही जानता था कि यह किसके हाथ में था। प्लेइंग इलेवन का फैसला कप्तान की पसंद पर होता है। यह फैसला कप्तान, कोच और मैनेजमेंट पर निर्भर करता है। उस समय धोनी कप्तान थे। मैं इस बात में नहीं पड़ूंगा कि वह फैसला सही था या गलत, क्योंकि हर कप्तान को अपनी टीम को अपने तरीके से चलाने का अधिकार होता है।'
भाई के कारण भी इरफान की नहीं बन रही थी जगह
गैरी कर्स्ट ने इरफान को दूसरा कारण भी बताया। उन्होंने कहा, उस समय टीम मैनेजमेंट नंबर 7 पर एक बैटिंग ऑलराउंडर की तलाश में थी। मेरा भाई एक बैटिंग ऑलराउंडर था, जबकि मैं एक बॉलिंग ऑलराउंडर था। दोनों एक-दूसरे से अलग थे, लेकिन टीम में केवल एक के लिए जगह थी। आजकल, अगर आप पूछेंगे कि क्या दो ऑलराउंडरों की जरूरत है तो लोग खुशी-खुशी दोनों को लेंगे।' ऐसे में उनके इस बयान से साफ था कि धोनी के फैसले के कारण ही इरफान का डाउन फॉल शुरू हुआ।