लखनऊ: परिवहन विभाग ने एक जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 तक के 'गैर-कर ई-चालान' समाप्त करने का फैसला लिया है। अगर मामला कोर्ट में लंबित था तो पोर्टल पर डिस्पोज्ड-अबेटेड दिखाया जाएगा। अगर मामला कार्यालय स्तर पर लंबित है और इसकी समय सीमा निकल गई है तो पोर्टल पर यह क्लोज्ड- टाइम बार लिखा जाएगा। ऐसा होने से गाड़ी की फिटनेस, परमिट, ट्रांसफर, एचएसआरपी आदि में आने वाली अड़चनें दूर हो जाएंगी। अधिकारियों के मुताबिक, यह पूरी प्रक्रिया 30 दिन में पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद वाहन स्वामी पोर्टल पर चालान की स्थिति देख सकेंगे। अगर पोर्टल पर चालान दिखे तो लोग विभाग की हेल्पलाइन पर कॉल कर मदद मांग सकते हैं। फैसले के तहत केवल वही चालान को माफ किए जाएंगे, जो 31 दिसंबर 2021 तक कोर्ट में लंबित थे। जो चालान कोर्ट नहीं भेजे गए और अब समय-सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें भी प्रशासनिक रूप से बंद किया जाएगा।
डिजिटल निस्तारण होंगे ई-चालान
गंभीर अपराध, दुर्घटना या कानूनी मामलों से जुड़े मामले इससे बाहर होंगे। आंकड़ों के मुताबिक, 2017 से 2021 के बीच 30.52 लाख ई-चालान बने थे। इनमें से 17.59 लाख का निस्तारण पहले ही हो चुका है, जबकि 12.93 लाख चालान लंबित थे। लंबित चालानों में 10.84 लाख कोर्ट में और 1.29 लाख ऑफिस लेवल पर पेंडिंग थे। अब इन सभी का डिजिटल निस्तारण किया जाएगा। पोर्टल पर ये ई-चालान समाप्त दिखेंगे, हालांकि इनका पूरा रेकॉर्ड और ऑडिट सुरक्षित रहेगा। परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि यह निर्णय कानूनन सही, जनहितैषी और पारदर्शी है। सभी अधिकारी और कर्मचारियों को तय समय-सीमा में इसे पूरा करने का निर्देश दिया गया है।