चुनाव आयोग का तेजस्वी को पलटवार, आंख खोलकर देख लो…….सूची में अपना नाम 

पटना। राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने दावा किया कि उनका नाम इलेक्शन कमीशन द्वारा बिहार के लिए जारी ड्राफ्ट वोटर सूची में नहीं है। तेजस्वी ने कहा, मैंने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान गणना फॉर्म भरा था। लेकिन अब ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में मेरा नाम नहीं है। मैं आगामी विधानसभा चुनाव कैसे लड़ूंगा? तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने आयोग के पोर्टल पर अपना ईसीआईपी इलेक्ट्रॉनिक इलेक्टोरल फोटो पहचान पत्र) नंबर आरएबी2916120 डालकर सर्च करने पर कोई रिकॉर्ड नहीं हैं ऐसा लिखा आ रहा है। 
हालांकि, चुनाव आयोग ने तेजस्वी के दावे का फैक्ट चेक कर बताया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में उनका नाम शामिल है। आयोग ने इसके लिए बाकयदा मतदाता सूची का वह प्रारूप भी जारी किया है, जिसमें तेजस्वी की फोटो के साथ उनका नाम, उम्र, पिता का नाम, मकान संख्या दर्ज है। राजद नेता के आरोपों पर चुनाव आयोग ने फौरन डेटा शेयर कर कहा, तेजस्वी ने आरोप लगाया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है। हमारे द्वारा लिस्ट शेयर की है और उनसे अनुरोध कर रहे हैं कि वे ध्यान से अपना नाम देख लें। आयोग ने जो रिकॉर्ड शेयर किया उसमें तेजस्वी यादव का ईसीआईपी नंबर आरएबी 0456228 था। आयोग द्वारा शेयर किए गए ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में तेजस्वी यादव का नाम सीरियल नंबर 416 पर दर्ज दिखाई दिया। 
तेजस्वी के दावे का आयोग द्वारा फैक्ट चेक होने के बाद बीजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने उन पर तंज कसा है। उन्होंने कहा, तेजस्वी आपकी योग्यता पर मुझे ही नहीं, आपके परिवार और पूरे बिहार को भी शंका है। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में अपना नाम खोजना आपके लिए बहुत मुश्किल लग रहा होगा। आपका नाम ससम्मान पिताजी के साथ दर्ज है, आप देख सकते हैं। भ्रामक और फर्जीवाड़े की दुकानदारी बंद करे। राजद का भ्रम और डर दोनों बार-बार बोगस साबित हो रहा है। 
चुनाव आयोग के मुताबिक बिहार में एसआईआर प्रक्रिया 1 सितंबर, 2025 को फाइनल वोटर सूची प्रकाशित होने के साथ समाप्त होगी। यानी जो ड्राफ्ट वोटर लिस्ट आयोग ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड की है, वह फाइनल नहीं है। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने आश्वासन दिया है कि बिहार के सभी मतदाताओं और राजनीतिक दलों को संशोधित वोटर लिस्ट पर 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियां देने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। 
सीईसी ने कहा कि बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) और सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक निबंधन अधिकारी (ईआरओएस) राज्य में मतदाताओं या किसी भी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को 1 अगस्त से 1 सितंबर तक आगे आकर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने तथा मतदाताओं से जुड़ी जानकारी में सुधार के लिए दावे और आपत्तियां देने के लिए आमंत्रित करेगा। अगर तेजस्वी यादव का नाम सही में वोटर लिस्ट में नहीं होता, तब भी उन्हें इस गलती को ठीक कराने के लिए दो महीने का समय मिलता। 
बिहार में 24 जून से शुरू हुई एसआईआर प्रक्रिया के बाद अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी। चुनाव आयोग ने 27 जुलाई को बताया था कि बिहार में मतदाता सूची में पंजीकृत 91.69 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने गणना फॉर्म जमा कर दिए हैं और 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाले ड्राफ्ट में उनका नाम शामिल होगा। चुनाव आयोग ने कहा कि 24 जून, 2025 तक 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं ने गणना फॉर्म जमा कर दिए थे, जो एसआईआर प्रक्रिया में लोगों की भारी भागीदारी का संकेत है। इसका मतलब है कि 65 लाख मतदाताओं के नाम 1 अगस्त की मसौदा सूची में शामिल नहीं होगा। चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता सूची में नाम न होने के कारणों में मतदाता की मृत्यु, स्थायी स्थानांतरण और एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत होना शामिल है।